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शारदा नहर का जलस्तर घटने से 15 मेगावाट गिरा बिजली उत्पादन

खटीमा। शारदा नहर का जलस्तर घटने से लोहियाहेड जल विद्युत परियोजना की तीन में से दो टरबाइन के लिए ही पानी उपलब्ध हो पा रहा है। इससे करीब 15 मेगावाट बिजली उत्पादन कम हो गया है। इसकी भरपाई के लिए यूपी के पीलीभीत ग्रिड से बिजली लेनी पड़ रही है।
लोहियाहेड जल विद्युत परियोजना की तीनों टरबाइन चलाने के लिए शारदा नहर में करीब 10500 क्यूसेक पानी की जरूरत है। वर्तमान में नहर का जलस्तर 7169 क्यूसेक है। इस कारण जल विद्युत परियोजना की दो ही टरबाइन चलने से बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। वर्तमान में यहां सिर्फ 26 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है जबकि परियोजना की बिजली उत्पादन क्षमता 41.8 मेगावाट है। इससे विद्युत आपूर्ति प्रभावित होने की समस्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ग्रिड से 11 मेगावाट बिजली मांगी जा रही है। लोहियाहेड से छह मेगावाट बिजली सितारगंज ग्रिड को भी भेजी जा रही है। वर्तमान में यूपी को सिंचाई के लिए अधिक पानी की जरूरत नहीं है। इस कारण शारदा नदी के बनबसा बैराज से शारदा नहर में कम पानी छोड़ा जा रहा है। पानी कम होने से एक टरबाइन को बंद किया गया है। इससे बिजली उत्पादन घटा है। मार्च तक यही स्थिति रहने की संभावना है। इस अवधि में तीनों टरबाइन की बारी-बारी मरम्मत भी की जाएगी।
महकार सिंह, डीजीएम, लोहियाहेड जल विद्युत परियोजना

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