आलू बीज कंपनियों की मनमानी रोकने नियंत्रण के दायरे में लाएगा प्रशासन, लेना होगा लाइसेंस
इंदौर। दूसरे राज्यों की आलू बीज कंपनियाें की मनमानी को रोकने के लिए प्रशासन और उद्यानिकी विभाग इन पर लगाम लगाने जा रहा है। बीज कंपनियों और उनके स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं की जवाबदेही तय करने के लिए उन्हें लाइसेंस के दायरे में लाया जाएगा। जो बीज कंपनियां इंदौर में अपनी मार्केटिंग कर रही हैं और बीज का कारोबार कर रही हैं, उनको स्थानीय प्रशासन से लाइसेंस लेना जरूरी होगा। आलू उत्पादक किसानों द्वारा कलेक्टर मनीषसिंह के समक्ष यह समस्या रखने के बाद प्रशासन इस समस्या का हल निकालने जा रहा है।
किसानों का कहना है कि पंजाब और अन्य जगह की कंपनियां इंदौर के कोल्ड स्टोरेज में बीज का भंडारण करती हैं। बाद में हव्वा फैलाकर आलू बीज का कृत्रिम संकट पैदा करती हैं, फिर मनमाने दाम पर आलू का बीज बेचती हैं। बाजार के मुनाफे के इस खेल से अनजान किसान को महंगे दाम पर आलू का बीज खरीदना पड़ता है। हाल ही में प्रशासन अौर उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने कोल्ड स्टोरेज संचालकों और किसानों के साथ रेसीडेंसी कोठी पर बैठक भी की। इसमें समस्याओं के साथ कई तरह के सुझाव भी आए।
किसान संघ के मोहनलाल पांडे का कहना है कि पंजाब की कंपनियाें ने किसानों को इस साल आलू का बहुत महंगा बीज उपलब्ध कराया। जिस गुणवत्ता के बीज की बात हुई थी, वह भी नहीं मिला। किसानों को वायरसजनित बीज दे दिया, जिससे नुकसान हुआ। बीज व्यापारी पहले से रेट घोषित नहीं करते और बाद में महंगे और मनमाने दामों पर किसानों को आलू का बीज देते हैं। शासन-प्रशासन को इसके लिए कोई गाइडलाइन बनाना चाहिए। उद्यानिकी विभाग के उप संचालक टीसी वास्केल का कहना है कि आलू बीज कंपनियां जिला स्तर पर मार्केटिंग कर रही हैं। उनके सर्विस सेंटर भी यहां बने हुए हैं। ऐसे में उनको प्रशासन और विभाग से मान्यता लेना चाहिए। किसानों की शिकायत और समस्या को देखते हुए इन कंपनियों को लाइसेंस के दायरे में लाया जाएगा।