बिजली विभाग ने पालिका को भेजा 3.85 करोड़ रुपये का बिल
नैनीताल। आर्थिक तंगी से जूझ रही पालिका को अब बिजली विभाग की ओर से स्ट्रीट लाइट के एवज में 3.85 करोड़ रुपये का बिल भेजा है। इसके चलते नवनियुक्त प्रशासक व अधिशासी अधिकारी के समक्ष वेतन संकट के साथ ही बिजली विभाग की देनदारी भी चुनौती रहेगी।
बीते कुछ वर्षों से पालिका व बिजली विभाग के बीच बिजली के बिल को लेकर निजी अधिकार व नियमों का हवाला देते हुए पत्राचार की जंग चल रही है लेकिन इस बार बिजली विभाग के अधिकारियों ने 1956 के टेलीग्राफ एक्ट समेत हाल ही में उत्तराखंड की ओर से जारी शासनादेश का हवाला देते हुए बिल जारी किया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जब पूरे प्रदेश में नगर पालिका व पंचायत स्ट्रीट लाइट के एवज में बिल अदा कर रही हैं तो फिर नैनीताल पालिका क्यों नहीं ? इस बार बिल जमा नहीं हुआ तो स्ट्रीट लाइ्ट का कनेक्शन भी काट दिया जाएगा।
बीते वर्ष बिजली विभाग की ओर से बिजली बिल जारी करने पर पालिका ने यूपी पंचायती सचिव के 1994 आदेश का हवाला देते हुए बिजली विभाग से ट्रांसफार्मर व पोल की भूमि के क्रम में लगभग 20 करोड़ से अधिक के बिल की मांग की थी।
बिजली विभाग के सहायक अभियंता कर एवं राजस्व रमेश सिंह बिष्ट का कहना है कि पंचायती सचिव के आदेश के खिलाफ मुख्य सचिव से की गई शिकायत के क्रम में यह आदेश 1996 में ही रद्द कर दिया गया। जिसकी प्रति सभी जिलाधिकारियों को भेजी गई। पालिका ने बिना टेलीग्राफ एक्ट को बिना पढ़े हुए विभाग पर धनराशि लगा दी।
बिजली विभाग की ओर से टेलीग्राफ एक्ट तथा प्रदेश शासनादेश की प्रति के साथ पालिका को स्ट्रीट लाइट्स के एवज में 3.85 करोड़ रुपये का बिजली का बिल भेजा गया है। समय से अदायगी न होने पर कनेक्शन काटा जा सकता है।
एसके सहगल अधिशासी अभियंता, विद्युत विभाग
पालिका को अभी बिजली विभाग का बिल नहीं मिला है। मिलने के बाद संबंधित शासनादेश का अध्ययन कर विधिक राय ली जाएगी। जिसके बाद नियम संगत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
-केएन गोस्वामी प्रशासक पालिका एसडीएम धारी