नैनो टेक्नोलॉजी में कोरिया के साथ मिलकर काम करेगा कुमाऊं विवि, ये है मुख्य उद्देश्य

कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी सेंटर रसायन विज्ञान विभाग और कोरिया इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (केआईएसटी) दक्षिण कोरिया के बीच करार हुआ है। रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. नंद गोपाल साहू ने बताया कि इस समझौते का उद्देश्य पुनर्चक्रण योग्य सामग्रियों और प्लेटफार्म पर ध्यान देने के साथ ही नैनो साइंस और नैनो टेक्नोलॉजी में नवीन समाधान तलाशना है।
उन्होंने आगे कहा कि कुमाऊं विवि और केआईएसटी के बीच विद्वानों, शोधकर्ताओं और छात्रों के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना, अंतर-सांस्कृतिक शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देना और विशेषज्ञता साझा करने को प्रोत्साहित करना इसके मुख्य उद्देश्य हैं।बता दें कि, अनुबंध के तहत रिसाइक्लेबल एयर मोबिलिटी मैटेरियल्स एंड प्लेटफॉर्म को लेकर समझौता किया गया है। द्विपक्षीय समझौता हस्ताक्षर में कुविवि के रजिस्ट्रार एवं निदेशक, आरडीसी एवं प्रभारी, नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी सेंटर के प्रभारी प्रो. एनजी साहू तथा कन्वर्जेस रिसर्च सेंटर फॉर रिसाइक्लेबल एयर मोबिलिटी, मैटेरियल्स और केआईएसटी के प्लेटफॉर्म की ओर से महानिदेशक डॉ. योंग चाए जंग शामिल रहे।
प्रो. नंद गोपाल साहू ने कहा यह समझौता अनुसंधान सुविधाओं और प्रयोगशालाओं के पारस्परिक उपयोग की भी वकालत करता है। जिससे दोनों संस्थानों के शोधकर्ताओं को अत्याधुनिक उपकरणों और संसाधनों तक पहुंच प्राप्त हो सके। कहा कि यह समझौता सहयोगात्मक अनुसंधान परियोजनाओं को प्रोत्साहित करता है। दोनों संस्थानों के विद्वानों और शोधकर्ताओं को नैनो विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी में अत्याधुनिक अनुसंधान पर एक साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
प्रो. नंद गोपाल साहू ने कहा यह समझौता अनुसंधान सुविधाओं और प्रयोगशालाओं के पारस्परिक उपयोग की भी वकालत करता है। जिससे दोनों संस्थानों के शोधकर्ताओं को अत्याधुनिक उपकरणों और संसाधनों तक पहुंच प्राप्त हो सके। कहा कि यह समझौता सहयोगात्मक अनुसंधान परियोजनाओं को प्रोत्साहित करता है। दोनों संस्थानों के विद्वानों और शोधकर्ताओं को नैनो विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी में अत्याधुनिक अनुसंधान पर एक साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है।