पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी और हिमपात का असर मैदानी भागों में भी देखने को मिला। इससे मैदानी क्षेत्रों में ठंड और ठिठुरन बढ़ गई। ठंड को दूर भगाने के लिए पर्यटक और स्थानीय लोग दिनभर गरम कपड़ों में पैक रहे। कई स्थानों पर लोग अलाव का सहारा लेते हुए दिखाई दिए।
शुक्रवार सुबह से ही आसमान में कोहरा छाया रहा। दिन चढ़ते के बाद भी लोगों को सूर्य देव के दर्शन नहीं हुए। दिनभर सूर्य बादलों की ओट में छिपे रहे। आसमान में धूप नहीं होने से मौसम में ठंड और ठिठुरन बढ़ गई। ठंड के कारण लोग परेशान रहे। लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम, मुनिकीरेती, तपोवन, त्रिवेणी घाट, आस्था पथ और गंगा किनारे ठंडी हवा की लहरों के कारण देशी विदेशी सैलानियों की चहलकदमी कम रही। पर्यटक और स्थानीय लोग दिनभर गरम कपड़ों में पैक रहे। मुखर्जी मार्ग, तिलक रोड़, आईएसबीटी, चंद्रभागा, चंद्रेश्वरनगर, त्रिवेणीघाट, हरिद्वार रोड़, कोयलघाटी, चौदहबीघा आदि जगहों पर व्यापारी और कामकाजी लोग ठंड से बचने के लिए जगह-जगह आग जलाते हुए नजर आए। सरकारी, गैर सरकारी कार्यालय और घरों में भी लोग हीटर का सहारा लेते रहे।कई पर्यटक स्थलों पर सैलानी चाय की चुस्कियां, मूंगफली, रेवड़ी, पकोड़े आदि का लुत्फ उठाते हुए दिखाई दिए। गंगा घाट और तटों पर लोग आग जलाने के लिए लकड़ियों की डांटों को काटते हुए नजर आए। सुबह से शाम तक बाजारों में केवल कामकाजी लोग और रोजमर्रा के सामानों की खरीदारी करने वाले लोग ही दिखाई दिए। शाम होते ही लोगों की दुश्वारियां और बढ़ गई। लोग अपने घरों में कैद हो गए। यही हाल श्यामपुर, रायवाला और अन्य क्षेत्रों में भी रहा।