सात्विक साईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी के साथ लक्ष्य सेन की नजर मंगलवार से शुरू होने जा रहे इंडिया ओपन सुपर 750 बैडमिंटन टूर्नामेंट में 2022 की खिताबी सफलता को दोहराने की है। पेरिस ओलंपिक क्वालिफिकेशन को ध्यान में रखते हुए भारतीय शटलरों के लिए भी यह टूर्नामेंट काफी अहम है। अप्रैल, 2024 तक शीर्ष 16 की रैंकिंग में शामिल शटलरों को पेरिस का टिकट मिलेगा। इस लिहाज से विश्व नंबर आठ एचएस प्रणय, विश्व नंबर 17 लक्ष्य सेन और नंबर 24 किदांबी श्रीकांत अच्छे प्रदर्शन के बल पर अपनी रैंकिंग को मजबूत करने की कोशिश करेंगे।
लक्ष्य और प्रणय के लिए यहां इस लिए भी चुनौती है, क्यों कि दोनों मलयेशिया ओपन के पहले ही दौर में हारकर बाहर हो गए थे। 2015 में इंडिया ओपन जीतने वाले श्रीकांत ने पहले दौर में इंडोनेशिया के जोनाथन क्रिस्टी को हराया था, लेकिन दूसरे दौर में उन्हें भी हारना पड़ा। लक्ष्य यहां पहले दौर में हमवतन प्रियांशु राजावत, प्रणय चीनी ताईपे के चोउ तिएन चेन और श्रीकांत हांगकांग के ली चुक यू से भिड़ेंगे। मलयेशिया ओपन के फाइनल में पहुंचने वाले सात्विक और चिराग का पहले दौर में सामना विश्व नंबर 25 चीनी ताईपे की जोड़ी फेंग जेन ली और फेंग ची ली से होगा।
लगभग सात करोड़ रुपये (साढ़े आठ लाख अमेरिकी डॉलर) की पुरस्कार राशि वाले इस टूर्नामेंट में चोटिल चल रहीं पीवी सिंधू शिरकत नहीं कर रही हैं। सात्विक का कहना है कि वह अपने घर में घरेलू समर्थकों के बीच अच्छा करने की कोशिश करेंगे। दूसरी वरीय इस जोड़ी को बीते वर्ष दूसरे दौर में ही चोट के चलते बाहर होना पड़ा था। बीते वर्ष विश्व चैंपियनशिप और एशियाड में कांस्य पदक जीतने वाले एचएस प्रणय कहते हैं कि इंडिया ओपन उनके दिल के काफी करीब है। वह 2012 से इस टूर्नामेंट में खेल रहे हैं। वह यहां अच्छा प्रदर्शन करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
विश्व नंबर एक एक्सेलसन टूर्नामेंट से हटे
लक्ष्य का कहना है कि 2022 में इंडिया ओपन की जीत ने उनके कॅरियर को नया मोड़ दिया। यहां जीतने के बाद ही वह आगे बढ़े। पेरिस ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए वह इसी प्रदर्शन को एक बार फिर दोहराने की कोशिश करेंगे। लक्ष्य यह भी कहते हैं कि साथी प्रियांशु के साथ उनका मुकाबला काफी कठिन होगा। वहीं विश्व नंबर एक डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन ने टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया है। वह मलयेशिया ओपन के सेमीफाइनल में चीन के शी यूकी से हार गए। विक्टर ने कहा कि उन्हें दुख है कि वह भारतीय समर्थकों के बीच इंडिया ओपन में नहीं खेल सकेंगे। वहीं गत विजेता थाईलैंड के कुनलावत वितिदसर्न ने कहा कि वहां यहां अपने खिताब की रक्षा के लिए सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करेंगे।