अगर नैनीताल जिले के मार्गों पर वाहनों का दबाव बढ़ा है, इसमें बड़ी संख्या सैलानियों की होती है जो रामनगर, नैनीताल से लेकर दूसरे पर्यटन स्थलों पर पहुंचते हैं। ऐसे में सड़क की क्षमता बढ़ोतरी का फैसला किया गया है। इसमें रामनगर-कालाढूंगी-चोरगलिया होते हुए सितारगंज बाईपास तक करीब 112 किमी सड़क को फोरलेन करने की योजना है। इसी तरह हल्द्वानी-मदकोटा-गदरपुर मार्ग 40 किमी को भी फोरलेन किया जाना है।
हल्द्वानी। फिजिबिलिटी टेस्ट करने वाली संस्था बताएगी कि यह योजना बन सकती है या नहीं। अगर बनेगी तो कितनी राजस्व और वन भूमि की जरूरत होगी, उसका आकलन किया जाएगा। यह सड़क पीपीपी मोड पर बननी है, ऐसे में अगर मार्ग निर्माण के बाद कितना टोल टैक्स मिल सकेगा? यह भी आकलन किया जाएगा। इस संबंध में लोनिवि अधिशासी अभियंता अशोक चौधरी कहते हैं कि सड़क को पीपीपी मोड पर बनाने की योजना है, इसकी फिजिबिलिटी पता करने के लिए टेंडर किए गए हैं।
हल्द्वानी। कालाढूंगी रोड पर 24 घंटे में 33780 वाहन गुजरते हैं, जबकि रामपुर रोड पर हर रोज करीब 30 हजार वाहन चलते हैं। यानी हर घंटे एक हजार से अधिक वाहन दौड़ते हैं। यह बात लोनिवि के पैसेंजर कार यूनिट सर्वे में सामने आयी थी।