एसपीएस राजकीय चिकित्सालय में गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं का भरपूर लाभ नहीं मिल पा रहा है। महिला चिकित्सक गर्भवती महिलाओं को लेवल टू जांच लिख रही हैं। लेकिन इस जांच का लाभ उन्हें सरकारी अस्पताल में संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटर में नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण महिलाओं को न चाहते हुए भी निजी केंद्रों में जाकर तीन से चार हजार रुपये देकर इसकी जांच करानी पड़ रही है। महिला चिकित्सक महिलाओं को पांच महीने के गर्भ होने पर लेवल टू जांच की सलाह देती हैं। इस जांच से गर्भवती महिलाओं को उनके गर्भ में पल रहे भ्रूण के विकसित होने की पूरी जानकारी मिलती है। जांच में महिला को पता चलता है कि उसके गर्भ में पल रहा भ्रूण विकसित हो रहा है या नहीं।
यदि किसी महिला के गर्भ में भ्रूण पूरी तरह से विकसित नहीं हो पा रहा है तो चिकित्सक ऐसी महिला को उचित परामर्श देते हैं। लेकिन सरकारी अस्पताल के अल्ट्रासाउंड में गर्भवती महिलाओं के लिए ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं हैं।
गर्भवती महिला स्मिता, अंजू, खुशी ने बताया कि सरकारी अस्पताल में महिला चिकित्सक ने उन्हें लेवल टू जांच की सलाह दी। लेकिन यह सुविधा सरकारी अस्पताल में उपलब्ध न होने के कारण उन्हें न चाहते हुए निजी केंद्रों में जाकर इसकी जांच करानी पड़ रही है।
सरकारी अस्पताल में उत्तम गुणवत्ता की अल्ट्रासाउंड मशीन लगाने को लेकर शासन स्तर से पत्राचार किया जा रहा है। जल्द ही समस्या का समाधान होगा। – डाॅ. पीके चंदोला, सीएमएस