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तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इलाज की बेहतरीन पद्धति पर करना होगा फोकस :प्रो. हेमचंद

एम्स के अस्थि रोग विभाग की ओर से वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से आए विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किया। सम्मेलन में ऑर्थोपेडिक देखभाल और अनुसंधान की उन्नति, नवाचार व उत्कृष्टता को बढ़ावा देने आदि पर चर्चा की गई। सोमवार को एम्स के मुख्य सभागार में उत्तराखंड ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन का 20वां वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें ऑर्थोपेडिक क्षेत्र में नवीनतम प्रगति और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से प्रमुख ऑर्थोपेडिक सर्जन, शोधकर्ता और विशेषज्ञ चिकित्सक शामिल हुए। एचएनबी चिकित्सा विवि के कुलपति प्रो. हेमचंद्र पांडेय ने सम्मेलन को ऑर्थोपेडिक्स के भविष्य के लिए अनुभव प्राप्त करने का बेहतरीन अवसर बताया। कहा कि हमें तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए इलाज की बेहतरीन पद्धति पर फोकस करना होगा। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि इस आयोजन से अस्थि रोग के विशेषज्ञ चिकित्सकों को लाभ मिलेगा। स्पाइन सर्जन और क्षेत्रीय स्पाइनल इंजरी सेंटर मोहाली के प्रमुख प्रो. राज बहादुर ने स्पाइनल सर्जरी के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता और अनुभव साझा किए। दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेआर मेधा ने ऑर्थोपेडिक अभ्यास में कानूनी पहलुओं और नैतिक विचारों पर चर्चा की। मुंबई के ऑर्थोपेडिक स्पाइन सर्जन प्रो. राम चड्ढा ने रीढ़ की जटिल सर्जरी और रीढ़ की देखभाल के बारे में अनुभव साझा किए। इस मौके पर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो. पुनीत गुप्ता, ऑर्थो विभाग के हेड डॉ. पंकज कंडवाल, डॉ. अजयपाल सिंह, डॉ. पुनीत अग्रवाल, डॉ. मोहित ढींगरा, डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. आरबी कालिया आदि मौजूद रहे।

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