एम्स ने नियमित ड्रोन सेवा के माध्यम से मंगलवार को टिहरी जनपद के तीन मरीजों को टीबी की दवा उपलब्ध कराई। एक नए मरीज के बलगम का सैंपल भी जांच के लिए एम्स मंगाया गया।
पहाड़ी जनपदों के दूरस्थ क्षेत्रों के मरीजों को अब उपचार और अन्य जांच के लिए बार-बार एम्स नहीं आना पड़ेगा। एम्स इन मरीजों को घर पर उपचार की सुविधा उपलब्ध करा रहा है। टेलीमेडिसिन से परामर्श और ड्रोन मेडिकल सेवा के माध्यम से दवाइयां भेजी जा रही हैं। टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से पल्मोनरी मेडिसिन की वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ. रूचि दुआ ने मंगलवार को टीबी के तीन मरीजों को परामर्श भी दिया। उक्त मरीज एम्स से ही इलाज करा रहे थे। एम्स हेलीपैड से मंगलवार सुबह 11.30 बजे ड्रोन सेवा को जिला अस्पताल बौराड़ी नई टिहरी रवाना किया गया। ड्रोन 35 मिनट में 48 किलोमीटर की दूरी तय कर दोपहर 12.05 बजे जिला चिकित्सालय पहुंचा वापसी के लिए एक नए टीबी मरीज का बलगम सैंपल के साथ 12.45 पर वहां से रवाना हुआ और दोपहर 1.20 बजे एम्स हेलीपैड पर पहुंचा। एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि ड्रोन आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से विभिन्न अस्पतालों के लिए नियमित ड्रोन सेवा जारी है। ड्रोन सेवा के नोडल अधिकारी डॉ. जितेंद्र गैरोला ने बताया कि इस दौरान ड्रोन के जरिए ऐसे तीन टीबी ग्रसित मरीजों को एम्स ने ड्रोन के जरिए दवा उपलब्ध कराई। ड्रोन सेवा के नोडल ऑफिसर डॉ. जितेंद्र गैरोला ने बताया कि राज्य और केंद्र सरकार की टेलीमेडिसिन सेवा के सहयोग से एम्स ऋषिकेश ड्रोन आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को उत्तराखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में इमरजेंसी मेडिसिन, रक्त संबंधी जरूरतों को पूरा करने, चारधाम यात्रा के समय आपात स्थितियों और हाई एल्टीट्यूड मेडिसिन पहुंचाने के लिए सीएचसी सेंटर, जिला अस्पतालों और अन्य दुर्गम क्षेत्रों की मैपिंग की योजना पर कार्य कर रहा है।