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प्रकृति को समझने के लिए हुई है दर्शन की उत्पति : प्रो. प्रधान

श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पं. ललित मोहन शर्मा परिसर में भारतीय ज्ञान परंपरा उत्कृष्ट केंद्र एवं फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर की ओर से आयोजित सात दिवसीय संकाय संवर्धन कार्यक्रम के अंतिम दिन विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिया। बीएचयू के प्रो. अवधेश प्रधान, विवेकानंद, प्रो. सुज्ञान कुमार मोहंती ने भारतीय ज्ञान परंपरा में विमान शिल्प एवं प्रौद्योगिकी, प्रसिद्ध रंगमंच, फिल्म और साहित्य की विस्तृत जानकारी दी। जिसमें उन्होंने हिस्ट्री ऑफ मॉडर्न इंडियन थियेटर एंड इन्फ्लुएंस ऑफ क्लासिकल ट्रेडिशनल थियेटर को सारगर्भित किया।अंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रो. गोपाल प्रधान ने राहुल सांस्कृत्यायन की निगाह में भारतीय दर्शन पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि दर्शन की उत्पत्ति ही प्रकृति को समझने के क्रम में हुई है। वह प्रकृति भी बाहर नहीं है, मानव प्रकृति ही प्रकृति है। सात दिवसीय वर्चुअल कार्यक्रम में करीब 25 व्याख्यान हुए।

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