हरबर्टपुर शहर में कूड़ा निस्तारण का संकट खड़ा हो गया है। नगर पालिका के पास कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नहीं है। अब तक कूड़े को शीशमबाड़ा स्थित ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन संयंत्र भेजा जा रहा था। बीते सोमवार को पछवादून संयुक्त समिति ने विरोध कर संयंत्र के बाहर से नगरपालिका के कूड़ा वाहन लौटा दिए थे। अब नगर पालिका को शहर का कूड़ा एक निजी प्लॉट में जमा करना पड़ रहा है। प्लॉट स्वामी ने केवल 20 मार्च तक कूड़ा एकत्र करने की अनुमति दी है। अगर जल्द कूड़ा निस्तारण के इंतजाम नहीं किए गए तो शहर की सफाई व्यवस्था बेपटरी हो सकती है।नगर पालिका हरबर्टपुर के नौ वार्डों से रोजाना 5.5 मीट्रिक टन कूड़ा एकत्र किया जाता है। नगर पालिका के पास अपना ठोस अशिष्ट प्रबंधन संयंत्र और मैटरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर नहीं है। ढकरानी में संयंत्र का निर्माण प्रस्तावित है। इसके निर्माण के लिए शासन को 3.5 करोड़ रुपये का प्राकलन भेजा गया है। संयंत्र निर्माण होने तक पालिका क्षेत्र का कूड़ा शीशमबाड़ा स्थित ठोस अपशिष्ठ संयंत्र में भेजा जा रहा था।
बीते सोमवार को समिति के विरोध के बाद नगरपालिका प्रशासन के समक्ष कूड़े को एकत्र करने और उसके निस्तारण का संकट खड़ा हो गया है। पालिका प्रशासन के अनुरोध पर पूर्व अध्यक्ष बीना शर्मा ने दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे अपने एक प्लॉट में अस्थायी तौर पर 20 मार्च तक कूड़े के एकत्रिकरण और निस्तारण के लिए व्यवस्था करने को कहा है। इसके बाद वैकल्पिक व्यवस्था न होने पर शहर से कूड़ा उठान नहीं हो पाएगा। हालांकि नगरपालिका प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश रहा है।
नगर पालिका प्रशासन के पास ढालीपुर स्थित ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन संयंत्र के लिए चयनित भूमि पर कूड़ा एकत्र करने का विकल्प है, लेकिन शासन से बजट स्वीकृत होने के बाद भी संयंत्र निर्माण में करीब एक साल का समय लग जाएगा। नगर पालिका क्षेत्र से रोजाना 5.5 मीट्रिक टन कूड़ा एकत्र किया जाता है। इस स्थिति में भूमि पर करीब 1980 मीट्रिक टन कूड़ा एकत्र होने का अनुमान है। यह लीगेसी वेस्ट यानी पुराना कूड़ा बन जाएगा। इसका निस्तारण नए संयंत्र में नहीं हो पाएगा। लीगेसी वेस्ट के लिए निस्तारण के लिए विशेष संयंत्र या मशीनों की जरूरत होती है। लीगेसी वेस्ट से क्रंक्रीट, पॉलिथिन और मिट्टी को अलग कर आरडीएफ को कंपनियों को बेच जाता है। इसके निस्तारण के लिए नगरपालिका को अलग से काफी बजट की जरूरत होगी। इस दौरान भूमि पर कूड़ा सड़ने से आसपास दुर्गंध पैदा हो जाएगी।
कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया गया है। जल्द से जल्द कूड़ा निस्तारण व्यवस्था को बहाल कर दिया जाएगा।
विनोद कुमार, एसडीएम
कूड़े के निस्तारण के लिए हरिद्वार जिले की रुड़की की एक कंपनी से वार्ता चल रही है। कंपनी के साथ बैठक होनी है। उम्मीद है कि जल्द व्यवस्था बन जाएगी।
बीएल आर्या, अधिशासी अधिकारी, हरबर्टपुर