लोग चाहते हैं कि कम समय में आसानी से लोन मिल जाए, तो पढ़िए य पूरी खबर
कई बार नौकरी रहने पर भी अचानक पैसों की जरूरत आ जाती है। ऐसे में कई मर्तबा पास में पैसे नहीं होते। तब सबसे बड़ा मददगार होता है क्रेडिट कार्ड या फिर व्यक्ति पर्सनल लोन के बारे में सोचता है, लेकिन कई जगह क्रेडिट कार्ड से काम नहीं चल पाता। वहां, नकद भुगतान करना होता है।, फिर दूसरे विकल्प के बारे में सोचना पड़ता है। ऐसे में लोग चाहते हैं कि कम समय में आसानी से लोन मिल जाए। जितना चाहें उतना मिल जाए। EMI का भी टेंशन न हो, जब पैसे आएंगे तो दे देंगे। मुश्किल के इन समय में गोल्ड लोन भी कारगर है। गोल्ड लोन के लिए आपको अपने आय का कोई सबूत भी नहीं देना होता है। इसकी ईएमआई की शेड्यूल भी बहुत आसान है।
क्या है इस लोन की प्रक्रिया: गोल्ड लोन पाने के लिए अपने गोल्ड को एनबीएफसी या बैंक में जमा करना होगा। बैंक उसकी वैल्यू निकालेंगे। फिर उस वैल्यू का 75 फीसद तक लोन लिया जा सकता है। इसकी ब्याज दर नियमित तौर पर भरनी होगी। इसकी ईएमआई आसान होती है। आपके पास रकम एकत्र होने पर इसे कभी निकाल सकते हैं।
कैसे लें गोल्ड लोन: सबसे पहले गोल्ड लोन देने वाले संस्थान (NBFC या Bank) में जाना होगा। अपना केवाईसी डॉक्युमेंट जमा करने के बाद वैल्यूएशन के लिए गोल्ड की ज्वेलरी देनी होगी। वेल्यूएशन के बाद लोन देने वाली कंपनी आपको अधिकतम लोन अमाउंट और मौजूदा स्कीम के बारे में बताएगी, फिर आप तय करें कि आपको कितना लोन चाहिए, कब तक चाहिए इसका समय बताना होगा। आप लोन एमाउंट कैश में ले सकते हैं। या फिर अपने बैंक खाते में भी ले सकते हैं। अंत में आप पैसा कलेक्ट करने की रसीद अवश्य लें।
पर्सनल लोन: पर्सनल लोन बैंकों की ओर से दिया जाने वाला बेहद लोकप्रिय शॉर्ट-टर्म लोन है। बैंक के सिक्योर्ड लोन की तुलना में इसकी ब्याज दर अधिक होती है।
क्रेडिट कार्ड पर लोन: अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो आप इसपर शॉर्ट-टर्म लोन ले सकते हैं। आपकी क्रेडिट कार्ड हिस्ट्री और क्रेडिट लिमिट के आधार पर कई बैंक यह लोन देते हैं। इसकी रिपेमेंट की अवधि सामान्यतः तीन महीने से 24 महीने की होती है।
PPF पर लोन: आपको बता दें कि पीपीएफ (PPF)अकाउंट पर भी शॉर्ट-टर्म लोन मिलता है। हालांकि, यह अकाउंट खुलने के तीसरे वित्त वर्ष से उपलब्ध है। इसके लिए कागजी जरूरतों में पीपीएफ अकाउंट का पासबुक और फॉर्म डी जमा करना होता है। लोन की रकम अप्लाई करने के वक्त मौजूद बैलेंस का 25 फीसद तक हो सकती है।