मणिपाल हॉस्पिटल नई दिल्ली वाराणसी में 18 जून को अपनी तरह का पहला ऑन्कोलॉजी ई-ओपीडी आयोजित करेगी
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों सहित वाराणसी क्षेत्र में कैंसर जैसे गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के काफ़ी मामले सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, तंबाकू का कई तरीके से सेवन करने की वजह से, यह मुंह और फेफड़ों के कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां होने का एक कारण बन गया है। क्षेत्र में बढ़ते मामलों के मद्देनजर, नई दिल्ली स्थित मणिपाल हॉस्पिटल्स ने लखनऊ के लोगों को रोकथाम, निदान और अब उपलब्ध विश्व स्तरीय सुविधाओं के बारे में जागरूक करने के लिए कमर कस ली है। मणिपाल हॉस्पिटल्स शुक्रवार (20 जून को सुबह 12 बजे से दोपहर 4 बजे तक) एक ऑन्कोलॉजी ई ओपीडी/टेली-परामर्श का आयोजन करेगा। यह सेवा आयुष्मान हॉस्पिटल, महमूरगंज वाराणसी के सहयोग से आयोजित की जाएगी।
टेली-परामर्श के दौरान, डॉ. वेदांत काबरा, एचओडी, सर्जिकल आॅन्कोलॉजी, मणिपाल हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली शेखर हॉस्पिटल में रखे गए एक वाइडस्क्रीन (वीडियो) के माध्यम से रोगियों को परामर्श और स्थानीय डॉक्टरों को उन रोगियों की देखभाल करने पर सलाह देंगे, जिन्हें विशेष ऑन्कोलॉजी उपचार और देखभाल की ज़रूरत है।
डॉ. काबरा ने इस क्षेत्र के ई ओपीडी के शुभारंभ की घोषणा करते हुए कहा, “फेफड़ों का कैंसर हमारे देश में पुरुषों में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है। यह महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक आम है। हालांकि, हाल ही में देखने को मिला है कि वाराणसी जैसे बड़े शहरों में दोनों में ही फेफड़ों के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इस क्षेत्र में इसके बढ़ते मामलों से हम शहर में नियमित रूप से मासिक ओपीडी आयोजित करने के लिए प्रेरित हुए, जिसमें कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से देरी होती आई है।”
इस बीच, मणिपाल हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली ने ई-ओपीडी सुविधा शुरू की है जो लाभप्रद है और इससे क्षेत्र के रोगियों को विशेषज्ञों की राय लेने में मदद मिलेगी और वे आगे निदान और उपचार करा सकते हैं। इस सेवा का उद्देश्य कैंसर के साथ ही उच्च-स्तरीय प्रक्रियाओं और उपचारों की उपलब्धता के बारे में जागरूकता फ़ैलाना भी है। प्रसिद्ध चिकित्सा ऑन्कोलॉजिस्ट इस सेवा का संचालन करेंगे, जिसमें इस जानलेवा बीमारी का मुकाबला करने के लिए श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ इलाज और देखभाल और स्वस्थ जीवन के तरीकों की जानकारी मिलेगी।
उचित स्क्रीनिंग और समय पर इलाज करवाने के साथ शुरुआती जांच पर तुरंत जागरूकता फैलाने की ज़रूरत है। मणिपाल हॉस्पिटल्स जानलेवा बीमारी का मुकाबला करने के लिए सर्वोत्तम उपचार और देखभाल पेश करता है। इसका उद्देश्य वाराणसी और उसके आस-पास के क्षेत्रों के कैंसर रोगियों को व्यापक और उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल मुहैया कराना है।
ग्लोबोकान 2018 के आंकड़ों के अनुसार, 2018 में भारत में पुरुषों और महिलाओं दोनों में कैंसर के 11,57,294 नए मामले सामने आए, 7,84,821 मौतें और 22,58,208 लोग कैंसर से पीड़ित हैं (निदान के 5 साल के भीतर)। पूर्वी और मध्य उत्तर प्रदेश में, एनसीडी के मामले खतरनाक रूप से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञ के अनुसार, निष्क्रिय धूम्रपान करने वालों सहित धूम्रपान, तम्बाकू उत्पादों का सेवन, कार्यस्थल पर रेडियोधर्मी सामग्री (रेडॉन), एस्बेस्टस, निकल और क्रोमियम के संपर्क में आना, वायु प्रदूषण, पारिवारिक इतिहास, एचआईवी संक्रमण और पर्यावरणीय जोखिम कारक कैंसर के मुख्य कारण हैं। ये विशेष रूप से मुंह और फेफड़ों के कैंसर की वजह बनते हैं।
अस्पताल अब तक देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न विशिष्टताओं की ओपीडी का आयोजन करता रहा है। अब, मणिपाल हॉस्पिटल्स, जिसमें उच्च गुणवत्ता की चीजों, अत्याधुनिक और सस्ती रोगी देखभाल के साथ, आॅन्कोलॉजी का उत्कृष्टता केंद्र है, उन लोगों के लिए अत्याधुनिक उपचार भी प्रदान करेगा जो फेफड़े या अन्य प्रकार कैंसर से पीड़ित हैं और जिन्हें उन्नत इलाज की ज़रूरत है।
डॉ. काबरा ने कहा, “हम पाते हैं कि हमारे पास आने वाले अधिकांश मामलों में कैंसर पहले ही फैलकर उन्नत स्टेज पर पहुंच चुका होता है। फेफड़े और कुछ अन्य कैंसरों जल्दी पता लगने पर ठीक किए जा सकते हैं। इसलिए, हम इसे जल्दी पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग करने और समय पर उपचार कराने पर जोर देते हैं। प्रारंभिक अवस्था में सर्जरी और मेडिकल से बेहतर इलाज किया जा सकता है। उन्नत चरणों में भी उपचार से अक्सर कैंसर की वृद्धि को धीमा किया जा सकता है।”
अब, वाराणसी में कुछ अत्याधुनिक सुविधाएं हैं जो ऑन्कोलॉजी को समर्पित हैं। मणिपाल हॉस्पिटल्स मौजूदा कमियों को दूर करने की कोशिश करता है।
मणिपाल हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली के सुपर-विशेषज्ञ डॉक्टर अब रोकथाम, स्क्रीनिंग और अत्याधुनिक उपचारों के बारे में मार्गदर्शन देने के लिए ई ओपीडी / टेली-परामर्श के साथ उपलब्ध हैं।