Fri. Nov 1st, 2024

न्यूयॉर्क टाइम्स से / मास्क के साथ सांस लेने का तरीका भी अहम, सिर्फ नाक से सांस लेने से ब्लड प्रेशर और ऑक्सीजन बेहतर होंगे

वॉशिंगटन. दुनियाभर में कोरोना की शुरुआत लोगों में सांस लेने की दिक्कतों से शुरू हुई थी। संक्रमण रोकने के लिए हमें तब तक मास्क पहनना होगा, जब तक वैक्सीन नहीं बन जाता। लेकिन अब मास्क की वजह से भी सामान्य रूप से सांस लेने में दिक्कत हो रही है। लेकिन इससे चिंतित होने की कोई वजह नहीं है। इसका हल यह है कि हमें अपने स्वास्थ्य को भी बेहतर करना है और क्षमता भी बढ़ानी है।

मैं ब्रुकलिन में साइकिल चलाते हुए देखता हूं कि कई लोग मास्क तो लगाते हैं, लेकिन गले में। वे उसे तभी मुंह और नाक पर लगाते हैं, जबकि किसी दूसरे व्यक्ति के पास से गुजरते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हम अपनी मांसपेशियों, दिमाग और अन्य अंगों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचा पा रहे हैं। कहीं मास्क इसमें रुकावट तो नहीं बन रहे। ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि सांस लेने की प्रक्रिया कितनी प्रभावी है।

सांसों के विशेषज्ञ कहते हैं कि ज्यादातर लोग गलत तरीके से सांस लेते हैं या पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं खींचते। वहीं एक नई किताब- ब्रेथ: द न्यू साइंस ऑफ ए लॉस्ट आर्ट के लेखक डॉ. जेम्स नेस्टर कहते हैं,”आप सांस कैसे लेते हैं यह मायने रखता है। ज्यादातर लोग मुंह से सांस लेते हैं, जिससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। जबकि नाक से सांस लेना चाहिए। इससे हार्मोन और नाइट्रिक एसिड ज्यादा निकलते हैं, जो हमें स्वस्थ बनाते हैं।’

हम दिन में करीब 25 हजार सांस लेते हैं, पर ज्यादातर लोग ठीक
हम एक दिन में औसतन 25 हजार सांस लेते हैं, पर ज्यादातर लोग गलती करते हैं। सही तरीके से श्वास शरीर में एसिड संतुलित रखती है और पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाती है। सांसों में तेज उतार-चढ़ाव से ऑक्सीजन सप्लाई रुकती है। इससे चिंता, चिड़चिड़ापन, थकान, एकाग्रता में कमी आ सकती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *