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मध्य प्रदेश / पूर्व मंत्री गोविंद सिंह बोले- मनरेगा में भ्रष्टाचार की खुली छूट, मजदूर नहीं फिर भी 116 करोड़ रुपए के भुगतान

भोपाल. पूर्व मंत्री और लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने कहा है कि भारत सरकार ने मनरेगा में भ्रष्टाचार की खुली छूट दे रखी है। ग्वालियर- चंबल संभाग में मजदूर ही नहीं हैं फिर भी मशीनों के काम कराकर करोड़ों के रुपए का बंदरबांट किया जा रहा है। जहां उप चुनाव होना हैं वहां के लिए करोड़ों रुपए के काम दिए गए हैं। सरकारी विभागों के अधिकारियों से मिलकर लूट मची हुई है। शासन- प्रशासन से उम्मीद न होने से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को इसकी शिकायत की गई है।

पूर्व मंत्री ने कहा कि मनरेगा योजना में कोरोना महामारी की आड़ में अप्रैल से जून तक 41 करोड़ 18 लाख 91 हजार फर्जी आईडी से बोगस संस्थाओं को भुगतान किया गया। वर्ष 2019- 20 में 75 करोड़ 55 लाख 17 हजार का भुगतान हुआ। जबकि अधिकांश स्थानों पर काम हुए ही नहीं। गोहद के ऐनों पंचायत सरपंच ने तो 2017 में जिपं सीईओ को शिकायत की कि जानकारी के बगैर मशीनों से मनरेगा के तहत दो रोड और तालाब का बोगस कार्य कराकर 6 लाख 65 हजार 200 रुपए का भुगतान कराया गया है।

डॉ. सिंह ने कहा कि सुहांस ग्राम पंचायत में सरपंच और प्रभारी सचिव ने मनरेगा में करोड़ों रुपए बिना काम कराए भुगतान कराया है। यहीं अनुसूचित जाति सघन बस्ती विकास योजना के तहत सीसी रोड और नाली निर्माण का दोबारा वर्तमान सरपंच और प्रभारी द्वारा फर्जी भुगतान कराया गया। इसके अलावा स्व कराधान योजना व महात्मा गांधी ग्राम स्वराज एवं विकास योजना में गड़बड़ी की गई। इसी प्रकार रायपुरा, इमलाहा, तैतपुरा गुढ़ा में मशीनों से कार्य कराए गए। प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।

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