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चंद्रिका राय राजद छोड़ने के 5 महीने बाद जदयू में शामिल हो रहे; बेटी-दामाद के रिश्ते बिगड़ने की वजह से लालू की पार्टी छोड़ी थी

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय आज 2 विधायकों के साथ जदयू में शामिल होंगे। 12 मई 2018 को चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या की शादी लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव से हुई थी। उस वक्त सभी को लगा था कि दो बड़े राजनीतिक घरानों के बीच बना यह रिश्ता कई पीढ़ियों तक निभाया जाएगा। लेकिन, 12वीं पास तेज प्रताप और एमबीए तक पढ़ी ऐश्वर्या का रिश्ता सिर्फ 175 दिन निभ पाया।

चंद्रिका राय ने फरवरी में राजद छोड़ दी थी
पारिवारिक विवाद इस हद तक बढ़ गया कि तेज प्रताप कोर्ट पहुंच गए और तलाक की अर्जी लगा दी। तलाक का केस अभी कोर्ट में है। ऐश्वर्या ने रिश्ता बचाने की पूरी कोशिश की। पति की ओर से तलाक की अर्जी लगाने के बाद भी कई महीनों तक राबड़ी आवास में रहीं, लेकिन यह सिलसिला भी ज्यादा नहीं चल पाया।

खुद ऐश्वर्या ने सास राबड़ी और परिवार के दूसरे लोगों पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए। हद तो तब हो गई जब 14 सितंबर 2019 को वे राबड़ी आवास से रोती हुई निकलीं। इस बात से दुखी चंद्रिका राय ने इस साल 14 फरवरी को उस राजद को छोड़ दिया, जिसमें वे 30 साल से थे।

परसा सीट पर राय परिवार की पकड़, अब परिवार के ही लोगों में टक्कर
सारण जिले के परसा विधानसभा इलाके में यादव ज्यादा होने के बावजूद चंद्रिका राय के परिवार की पकड़ रही है। 1951 में यह विधानसभा क्षेत्र बना था, तब चंद्रिका के पिता दरोगा प्रसाद राय ने चुनाव जीता और परसा के पहले विधायक बने थे। दारोगा प्रसाद राय यहां से 7 बार चुनाव जीते थे। बाद में इस सीट पर चंद्रिका राय चुनाव लड़ने लगे।

चंद्रिका राय को चुनौती देने के लिए राजद ने उनके ही परिवार की सदस्य को चुना है। लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने चंद्रिका राय के बड़े भाई विधानचंद राय की बेटी डॉ. करिश्मा राय को राजद में शामिल करवा दिया। करिश्मा इस साल विधानसभा चुनाव में चाचा चंद्रिका राय को चुनौती देंगी। चुनाव की तैयारियों में जुटीं करिश्मा अपने इलाके के लोगों से लगातार मिल रही हैं।

चंद्रिका राय पहली बार 1985 में विधायक बने थे
चंद्रिका राय का राजनीतिक करियर 1985 में शुरू हुआ। पिता दारोगा राय की तरह कांग्रेस के टिकट पर 1985 में चुनाव लड़े और विधायक बने। 1990 में वे लालू प्रसाद की पार्टी में शामिल हो गए। 2005 और 2010 के चुनाव में चंद्रिका राय को जदयू के छोटेलाल राय ने हरा दिया, लेकिन 2015 में चंद्रिका ने फिर से जीत गए थे।

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