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चार विधायकों ने कटारिया-पूनियां के समक्ष पक्ष रखा, पार्टी नेताओं के सामूहिक निर्णय से कार्रवाई की तैयारी

विधानसभा सत्र के दौरान 14 अगस्त को सदन से गायब हुए भाजपा के चारों विधायकों ने गुरुवार को प्रदेश नेतृत्व के समक्ष अपना पक्ष रखा। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने चारों विधायकों को अलग-अलग बुलाकर बात को सुना। दोनों नेताओं ने माना कि व्हिप जारी होने के बाद बिना किसी सूचना के विधायकों का सदन से गायब होना लापरवाही है। चारों विधायकों ने अपना पक्ष रख दिया है। सभी नेताओं के साथ चर्चा करके ​सामूहिक निर्णय किया जाएगा।

कटारिया ने कहा कि सवेरे विधायक दल की बैठक में सिद्धी कुमारी के अलावा सभी उपस्थित थे। इसके बाद सदन में व्हिप बनाकर लॉबी में भेज दिया। जो दस्तखत नहीं कर पाए, उन्हें ​फोन से सूचना दे दी गई थी। फिर भी ये अनुपस्थित रहे। कटारिया ने कहा कि मैं झूठ नहीं बोलता और ना ही फालतू बात करता हूं। कोई भी निर्णय करने से पहले सामने वाले का पक्ष सुन लेना न्यायोचित होता है। व्यक्ति को व्यक्तिगत नहीं सुने तो निर्णय में चूक हो सकती है।

व्यक्तिगत सुनने के लिए एक-एक से बात की है। प्रमुख लोग बैठकर आगे निर्णय करेंगे। कार्रवाई हमें ही करनी है और अगर केंद्रीय नेतृत्व रिपोर्ट मांगता है तो भेजेंगे। जहाजपुर विधायक गोपीचंद मीणा, गढ़ी विधायक कैलाश मीणा, घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा और धरियावाद विधायक गौतम मीणा 14 अगस्त को सदन से गायब हो गए थे। प्रदेश भाजपा ने मामले को गंभीर मानते हुए विधायकों को जवाब देने के लिए जयपुर तलब किया था।

पार्टी आलाकमान काे रिपाेर्ट भेजी जाएगी
ये तय माना जा रहा है कि इस मामले में पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों काे रिपाेर्ट भेजी जाएगी। ऐसा इसलिए भी क्याेंकि ये घटनाक्रम पार्टी में फूट और गुटबाजी से जाेड़कर देखा जा रहा है। प्रदेश में बीजेपी काे एकजुट करने के लिए पिछले दिनाें तीन केंद्रीय पदाधिकारियाें और एक केंद्रीय मंत्री काे आलाकमान ने जयपुर भेजा था। उन्होंने विधायक दल की बैठक में अपनी बात रखी थी, वहीं दूसरे दिन चार विधायक सदन की कार्यवाही काे बीच में छाेड़कर चल दिए थे।

विधायकों ने ऐसे-ऐसे बनाए बहाने
इस बीच विधायकों ने भी अनुपस्थित रहने के अलग अलग तर्क दिए। विधायक गोपीचंद मीणा ने कहा कि मेरी तबियत बिगड़ गई थी। जिसकी वजह से वो सदन में नहीं ठहर सका। अभी भी मेरी तबीयत ठीक नहीं है। विधायक हरेंद्र निनामा ने कहा कि उनको व्हिप का पता नहीं था।

सुबह सत्र एक बजे तक स्थगित होने के बाद विधानसभा क्षेत्र के लिए रवाना हो गया था। विधायक कैलाश मीणा ने कहा कि मेरी गाड़ी खराब हो गई थी। उसे रिपेयरिंग के लिए दे रखी थी, जिसे लेने गया था। इसके बाद तेज बारिश में अटक गया। गोपाल मीणा ने खराब मौसम का हवाला दिया। सभी विधायकों ने ये जरूर कहा कि वो पार्टी के समर्पित विधायक है। उनको किसी ने कोई प्रलोभन नहीं दिया।

विधायकों ने बरती हैं लापरवाही : पूनियां
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि बिना किसी जिम्मेदार व्यक्ति को जानकारी दिए सदन से ये चारों बाहर गए हैं। इस संबंध में चारों विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष और मेरे समक्ष अपना पक्ष रखा हैं। उस पर सामूहिक रूप से चर्चा करके निर्णय लिया जाएगा।

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