जिनके राज में सामूहिक नरसंहार होता था, क्राइम-करप्शन-कम्युनिज्म का राज था वे अब हमारे बारे में बोल रहे हैं: नीतीश कुमार
जदयू की पहली वर्चुअल रैली ‘निश्चय संवाद’ में मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि पहले क्या स्थिति थी। 15 साल पति-पत्नी (लालू यादव और राबड़ी देवी) का राज था। कानून-व्यवस्था की क्या स्थिति थी? सामूहिक नरसंहार होता था। हमने कानून का राज कायम किया। क्राइम-करप्शन और कम्युनिज्म को बर्दाश्त नहीं करेंगे। कोई गवाही देने के लिए निकल पाता था क्या? हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मिलकर जो चर्चा हुई, कितना तेजी से ट्रायल चला दोषियों पर। लोगों का मनोबल ऊंचा हुआ। शाम होने के पहले लोग घरों में चले जाते थे। कुछ चंद लोग कार के बाहर राइफल और बंदूक दिखाते हुए चलते थे। पुरानी तस्वीर और आज की तस्वीर देखिए।
सोशल मीडिया का दो हिस्सा है। एक तरफ इससे सुविधा मिल रही है तो दूसरी तरफ इसका दुरुपयोग हो रहा है। नाम लिए बिना लालू यादव के बारे में नीतीश ने कहा कि खुद तो जेल में हैं और ट्वीट कर रहे हैं। बाहर इसके लिए लोगों को बहाल कर रखा है।
जनता ने हमें काम करने का मौका दिया तो कानून-व्यवस्था कि स्थिति बेहतर हुई। क्राइम जो करते थे उनकी गिरफ्तारी होने लगी और ट्रायल होने लगा। सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल बनाया। अपराध के मामले में हर साल देश का आंकड़ा प्रकाशित होता है। 2018 के डाटा के अनुसार बिहार का स्थान 23वां है। कुछ लोग तो गड़बड़ करते ही रहते हैं। हमने जनता दरबार लगाया। आकलन में पाया गया कि हत्या के अधिकतर मामले में कारण जमीन या फिर संपत्ति विवाद है। 60 प्रतिशत घटना इसके चलते होता है। हमने इसके खिलाफ एक्शन लिया। महिला अपराध में बिहार का स्थान 29वां स्थान है। देश में अपहरण के मामले में बिहार का स्थान 23वां है। लूट में 19वां, डकैती में 16वां और हत्या में 11वां है।
15 साल पहले बिहार में कैसा सड़क था
बिहार में 15 साल पहले कैसा सड़क था। गड्ढे में सड़क था कि सड़क में गड्ढा पता नहीं चलता था। आज बोलते हैं कि सड़क टूट गया। बाढ़ में सड़क टूट गया तो उसे ठीक किया जाएगा। हमने लक्ष्य तय किया था कि राज्य के किसी भी हिस्से से पटना आने में 6 घंटे से ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए। अब इसे घटाकर 5 घंटा कर दिया है। सड़कें और पुल बन रहे हैं। केंद्र और राज्य दोनों की योजनाएं चल रही हैं। पथ निर्माण विभाग ने राज्य योजना के अंतर्गत 54461 करोड़ रुपए सड़क निर्माण में खर्च किए। हमने तय किया है कि सिर्फ सड़क निर्माण नहीं उसका मेंटेंनेंस भी होगा। ऐसा नहीं हुआ तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी। सभी साथियों को कहेंगे कि नई पीढ़ी वालों को बताइए। अगर ये लोग नहीं जानेंगे तो गड़बड़ लोगों के चक्कर में पड़ जाएंगे, तो फिर सब बर्बाद हो जाएगा।
कोरोना से सभी को रहना है सचेत
नीतीश ने कहा कि जदयू ने पहली बार एक पार्टी का अपना लाइव डॉट कॉम शुरू किया है। सभी साथियों को इसके लिए धन्यवाद देता हूं। सबको पता है कि पहले लॉकडाउन लागू था। उस दौरान भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पार्टी के लोगों से संवाद किया और उसके बाद 24 खंड में बांटकर पार्टी के सक्रिय साथी से लेकर बूथ स्तर के सभी साथियों के साथ सभी जिलों में 24 कार्यक्रम का आयोजन किया। जून महीने में सभी के साथ संवाद चलता रहा।
कोरोना का असर पूरी दुनिया में हुआ है। मार्च महीने से हमलोगों ने इस पर चर्चा शुरू कर दी थी और इस पर ध्यान देना शुरू कर दिया था। विधानसभा का सत्र 16 तारीख को एक दिन में सारा काम करके स्थगित किया था। पीएम के आह्वान पर जनता कर्फ्यू 22 मार्च को किया था। मीटिंग किया था एक सीमित इलाके में खासकर अर्बन इलाके में लॉकडाउन लागू करेंगे। 24 को केंद्र ने आदेश दिया और पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया।
लॉकडाउन खत्म हुआ फिर अनलॉक शुरू हुआ। केंद्र की ओर से जो गाइडलाइन जारी किया उसका हमने पालन किया। सभी वर्गों का ख्याल रखा है। हमलोगों ने तो शुरू से कहा कि कोरोना का ज्यादा से ज्यादा जांच हो। सब लोगों को सचेत रहने के लिए प्रेरित किया। बिहार में तो कोई कुछ भी बोलते रहते हैं। यहीं के लोगों को कई चीजों की जानकारी नहीं है। सिर्फ बोलते रहते हैं।
मार्च में बैठे थे तब ही तय कर लिया था हमलोग कम से कम 20 हजार लोगों की जांच कराएंगे। आज बिहार में हर दिन एक लाख 50 हजार से ज्यादा जांच हो रही है। क्या-क्या, कहां-कहां, कौन प्रकाशित करता है मैं उन सब लोगों के चक्कर में नहीं रहता। आप लोगों के बीच काम करने का मौका मिला और हम लोग काम कर रहे हैं। आज भी हमारी बैठक है।
10 लाख की जनसंख्या पर 32233 लोगों की जांच हो रही है। 11350 आरटीपीसीआर जांच हो रही है। अब यह लक्ष्य 20 हजार का है। इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए 10 आरटीपीसीआर मशीन मिलने वाली है। कोबास मशीन 8800 अमेरिका का है उससे एक दिन में 3600 जांच होती है। वह हमें मिलने वाला है। हमने पीएम से ऐसे दो मशीन देने का अनुरोध किया था, लेकिन एक मिलेगा। 11350 जांच के अलावा इस मशीन से अतिरिक्त जांच होगा। इन सबसे 23350 जांच की क्षमता हो जाएगी।
ट्रूनेट मशीन की क्षमता 4400 की है। सबसे ज्यादा रैपिड से हो रही है। आरटीपीसीआर से जांच करने पर रिजल्ट आने में 6 घंटा लगता है। रैपिड टेस्ट से 15 मिनट में रिजल्ट आ जाता है। हम बड़े पैमाने पर जांच कर रहे हैं। प्रखंड स्तर पर भी जांच बढ़ाई है। जो जांच हो रही है वह अलग अब जो लोग चाहते हैं उन सभी लोगों की जांच की सुविधा उपलब्ध है। निजी संस्थानों में भी यह सुविधा है। इलाज के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था है।
होम आइसोलेशन, कोविड केयर सेंटर (सबसे कम तबीयत खराब लोगों के लिए), कोविड हेल्थ सेंटर (ज्यादा तबीयत खराब लोगों के लिए) डेडिकेटेड कोविड अस्पताल (सीरियस मरीज) में इलाज किया जा रहा है। हमने कोरोना से लड़ने के लिए कई इंतजाम किया है।
पूरी दुनिया में कोरोना फैल रहा है। बिहार की स्थिति सुधर रही है। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बिहार में सर्वाधिक हैं। 88.24 प्रतिशत लोग ठीक हो चुके हैं। लॉकडाउन में जो लोग बाहर फंसे थे उन्हें सहायता पहुंचाई गई। 20 लाख 95 हजार लोगों के एक हजार रुपए प्रति व्यक्ति सहायता दी। ट्रेन चलाई गई और बड़ी संख्या में लोग बिहार लौटे। जो लोग अधिक संक्रमण वाले शहर (जैसे- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु) से लौट रहे थे उनके लिए क्वारैंटाइन केंद्र बनाया। 15 लाख से ज्यादा लोगों को क्वारैंटाइन केंद्र में रखा। बाकी को होम आइसोलेशन में रखा। एक व्यक्ति पर राज्य सरकार की तरफ से 5300 रुपए खर्च किए गए।
राजद से पूछा-वोट लेते हैं, कब्रिस्तान की घेराबंदी कर पाए थे क्या
नीतीश ने कहा कि हमने राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव बना रहे इसके लिए काम किया। ये लोग इतना दिन राज करते रहे। वोट तो लेते रहते थे, लेकिन कब्रिस्तान की घेराबंदी की थी क्या? हमने सभी कब्रिस्तान का सर्वे कराया और घेराबंदी कराई। मंदिर में लगातार चोरी होती थी, 226 मंदिरों की घेराबंदी कराई, 112 पर काम जारी है। भागलपुर में जो दंगा हुआ था उसमें राजद ने दोषियों पर क्या कार्रवाई की? हम आए तो कार्रवाई हुई।
अपने काम की प्रचार नहीं करता
नीतीश ने कहा कि मैं कभी अपने काम की प्रचार नहीं करता। बहुत लोगों को काम कम प्रचार ज्यादा करना होता है। एक-एक काम करवाया गया। जितने राशन कार्डधारी हैं उनको भी एक हजार रुपए प्रति परिवार की मदद की। केंद्र सरकार ने हर व्यक्ति को राशन कार्ड के अलावा चावल या गेहूं, चना और दाल दिया गया। ये सुविधा केंद्र ने नवंबर तक भेजने का फैसला किया।
1640 करोड़ रुपए वितरित किया। जिन्हें राशन कार्ड नहीं था उनकी भी मदद की। 23 लाख 38 हजार राशन कार्ड लोगों को दिया गया। कोई भी वंचित रहेगा उसकी हर तरह से मदद की जाएगी। अब पॉश मशीन से राशन दी जाती है। कई बुजुर्गों को उंगलियों में निशान नहीं है। उन लोगों के लिए यह निर्देश है कि सबसे पहले प्रति माह पॉश से अलग वितरित करिए। उसके बाद बाकी लोगों को दीजिए। स्कूलों के बंद होने के कारण बिना परीक्षा प्रोन्नत करने का निर्णय लिया गया। मिड डे मील की हर जगह राज्य सरकार की तरफ से राशि देंगे, केंद्र की योजना तो अलग ही है सभी छात्रों को पैसा दे रहे हैं, यह राज्य सरकार के खजाने से दिया जा रहा है।
चुनाव में एक-एक चीज के लिए सजग रहने की जरूरत है
दूरदर्शन से ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। सभी से अपील है कि इस साल चुनाव होने वाला है। एक-एक चीज के लिए ज्यादा सजग रहने की जरूरत है। कुछ लोगों को देखा कि मास्क नहीं पहन रहे हैं। लोगों को भी प्रेरित करिए घर से निकलते हैं तो मास्क लगाइए। हाथ साफ कीजिए, एक दूसरे से दो गज की दूरी रखिए। गर्भवती महिलाएं और 10 साल से कम उम्र के बच्चे और गंभीर बीमारी से पीड़ित को घर से बाहर नहीं निकलने दीजिए। कोरोना की क्या स्थिति होगी यह अभी कहा नहीं जा सकता। दिल्ली में संक्रमण दर नीचे जा रहा था फिर ऊपर जा रहा है। आज बिहार में नीचे जा रहा है। सभी नियम का पालन करिए। लोगों को भी प्रेरित करिए। डरें नहीं, सजग रहिए।
केंद्र ने योजना बनाई कि लोगों को तीन माह तक गैस सिलेंडर मुफ्त दिया जाएगा। बिहार में 80 लाख परिवारों को इसका लाभ मिला है। लॉकडाउन के दौरान बाहर से आए लोगों को रोजगार दिया। 5 लाख 60 हजार 246 योजनाओं में 14 करोड़ मानव दिवसों का सृजन किया। औसतन प्रतिदिन लगभग 10 लाख लोगों को काम मिल रहा है। दूसरे राज्यों से लौटे लोगों को सात निश्चय योजना के तहत ट्रेनिंग दे रहे हैं। परामर्श के लिए 1 लाख 64 हजार 153 लोगों का निबंधन किया गया है।
रैली की शुरुआत में ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने 2005 में सत्ता संभाली और बिहार में विकास की शुरुआत हो गई। उन्होंने बिहार के युवाओं को 15 साल पहले के बिहार की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि नीतीश के राज में बिहार बदल गया है। नौजवानों को बताइए बिहार उनके बचपन में कैसे लालटेन युग में जी रहा था। ललन सिंह के बाद मंत्री विजेंद्र यादव ने रैली को संबोधित किया।
रोजगार को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक नीति में किया संशोधन
नीतीश ने कहा कि हमने रोजगार के मौके बढ़ाने के लिए औद्योगिक नीति में नया संशोधन किया। 77 क्लस्टर समूहों को चयनित किया गया है। कैपिटल सब्सिडी देने का प्रावधान किया है। 230108 परिवारों को जीविका समूहों से जोड़ा गया है।
इसके अलावा बाढ़ की क्या स्थिति है बिहार में। पिछले साल पहले बाढ़ फिर सूखा फिर बाढ़ की स्थिति बनी। कितना नुकसान हो गया बिहार में। सबके लिए हमने इंतजाम किया है। 16 जिले के 83 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। पीड़ितों तक राहत पैकेट पहुंचाया गया। बाढ़ से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। सामुदायिक रसोई केंद्र चलाया। एक दिन में 10 लाख से ज्यादा लोगों ने भोजन किया। इसमें जो लोग आए सबका कोरोना का जांच कराया गया। कई लोग पॉजिटिव निकले, सबका इलाज कराया गया।
बता दीजिए कि आपदा राहत में पहले किया होता था। किसी को कुछ मिलता था क्या? हमलोग इस पर 2006 से काम कर रहे हैं। 2007 में ढाई करोड़ की आबादी प्रभावित हुई थी और जब लोगों को राहत बांटना शुरू किए। एक-एक क्विंटल अनाज बांटा, लोग मुझे दरभंगा में क्विंटलिया बाबा बोल रहे थे। राहत पहले मिलती तो मुझे क्यों क्विंटलिया बाबा बोलते?
हमनें बाढ़ पीड़ितों को अनाज और कपड़ा दिया। तीन हजार रुपए अनाज के लिए और 3 हजार कपड़े के लिए प्रति परिवार दिया। फसल क्षति का भी सहायता दे दिया। फसल बीमा योजना की जगह सहायता योजना शुरू किया। इस साल हुए नुकसान का भी आकलन हो रहा है उसका लाभ भी जल्द पहुंचा देंगे। फरवरी मार्च और अप्रैल में हुए नुकसान में किसानों को 568 करोड़ का लाभ दिया गया।
इससे पहले संवाद की शुरुआत संजय झा ने की। इस मौके पर उन्होंने जदयू के सिद्धांतों, नीतियों और सरकार की प्राथमिकताओं की जानकारी दी। रैली के दौरान वीरचंद पटेल पथ स्थित जदयू कार्यालय में कर्पूरी सभागार के मंच पर नीतीश कुमार के साथ विजेंद्र यादव, संजय झा, विजय कुमार चौधरी और अशोक चौधरी मौजूद हैं।
नीतीश ने बिहार को बदला, कानून का राज कायम किया: ललन सिंह
ललन सिंह ने कहा कि लालू राज और नीतीश के शासनकाल की तुलना करें तब आपको पता चलेगा कि बिहार के विकास के लिए नीतीश ने क्या करिश्मा किया है। नीतीश ने असंभव काम को संभव कर दिखाया है। जब नीतीश ने सत्ता संभाली थी तब लोग कल्पना नहीं कर सकते थे। सोच भी नहीं सकते थे कि बिहार बदल सकता है। लोग कहते थे कि बिहार में कुछ नहीं हो सकता। न सड़क, न बिजली, न कानून, जर्जर सड़क और सड़क की जगह गड्ढा। दिन में बिजली दो से ढाई घंटा रहता था। लोग इसे अपना भाग्य मानने लगे थे। यहां अपहरण का उद्योग चलता था। पैसे का लेनदेन पटना से होता था। कोई शाम 7 बजे के बाद बाहर नहीं निकल सकता था। नीतीश ने पूरा बिहार बदल दिया और कानून का राज कायम किया।