भारत, इजराइल और अमेरिका 5जी टेक्नोलॉजी डेवलप करेंगे, बेंगलुरु के अलावा तेल अवीव और सिलिकॉन वैली में इस पर काम होगा
भारत, अमेरिकी और इजराइल 5जी कम्युनिकेशन नेटवर्क पर मिलकर काम करेंगे। एक अमेरिकी अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में इसकी जानकारी दी। इस टेक्नोलॉजी पर रिसर्च तीनों देशों के तीन टेक्नोलॉजी हब में होगा। ये तीन शहर हैं- बेंगलुरु, सिलिकॉन वैली और तेल अवीव।
अमेरिका, इजराइल और अमेरिका कतई नहीं चाहते कि चीन की कंपनियां इस मामले में विस्तार करें। दो महीने पहले अमेरिका ने ब्राजील से साफ कहा था कि वो 5जी नेटवर्क कॉन्ट्रैक्ट चीनी कंपनी हुबेई को न दे।
बेहतरीन टेक्नोलॉजी तैयार करेंगे
एक अमेरिकी अफसर ने न्यूज एजेंसी से इंटरव्यू में कहा- भारत, अमेरिका और इजराइल पारदर्शी, खुला और भरोसेमंद 5जी नेटवर्क तैयार करेंगे। तीन साल पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजराइल गए थे, तब इस पर शुरुआती बातचीत हुई थी। अब इस पर काम शुरू हो चुका है। अमेरिकी एजेंसी यूएसएड के एडमिनिस्ट्रेटर बोनी ग्लिक ने यह जानकारी दी। कहा- हम नेक्स्ट जेनरेशन टेक्नोलॉजीस पर मिलकर काम कर रहे हैं। इसके बेहतरीन नतीजे सामने आएंगे। इस बारे में पिछले हफ्ते भारत, अमेरिका और इजराइल की बेहद अहम मीटिंग हो चुकी है।
एम्बेसेडर भी शामिल हुए
तीनों देशों की मीटिंग वर्चुअल थी। खास बात ये है कि इसमें भारत और इजराइल के एम्बेसेडर भी शामिल हुए। ग्लिक ने कहा- दूसरी टेक्नोलॉजी के अलावा हमारा मुख्य फोकस नेक्स्ट जेनरेशन 5जी टेक्नोलॉजी पर रहेगा। भारत और इजराइल इस नेटवर्क को तैयार करने में अहम भूमिका निभाएंगे। सिलिकॉन वैली, बेंगलुरु और तेल अवीव टेक्नोलॉजी हब हैं। इन तीन शहरों में काम किया जाएगा।
चीन पर तंज
ग्लिक ने चीन का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारा उसी की तरफ था। कहा- एक बात बिल्कुल साफ है। 5जी नेटवर्क मामले में हम किसी एक देश का दबदबा कायम नहीं होने देंगे। ये गलतफहमी दूर हो जानी चाहिए। जब तीनों देश डिफेंस और दूसरे मामलों में सहयोग कर सकते हैं तो 5जी पर क्यों नहीं। कुछ चीजें पब्लिक नहीं की जा सकतीं, क्योंकि ये काफी संवेदनशील हैं। तीनों देश वॉटर मैनेजमेंट और सिक्योरिटी पर भी साथ काम कर रहे हैं