महिलाओं के लिए जरूरी है सही फाइनेंशियल प्लानिंग, इन 7 बातों का ध्यान रखकर आप भी पा सकती हैं वित्तीय सुरक्षा
आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में आदमियों से पीछे नहीं हैं। लेकिन वित्तीय मामलों में महिलाएं पुरुषों से पीछे रह जाती हैं। महिलाओं को अपने कैरियर के साथ बचत और निवेश पर भी ध्यान देना चाहिए। इससे वो भविष्य को लेकर सही प्लानिंग कर सकेंगी। हम यहां कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं, जिनका ध्यान रखकर नौकरीपेशा महिलाएं सही फाइनेंशियल प्लानिंग के सकती हैं।
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का वेतन रहता है कम
पुरुषों और महिलाओं की सैलरी एक समान नहीं होती इस कारण इनकी फाइनेंशियल प्लानिंग भी अलग-अलग होनी चाहिए। एक वैश्विक अध्ययन के अनुसार 2019 में अगर पुरुष को 100 रुपए सैलरी मिलती है, तो महिला को 79 रुपए ही मिलते हैं। यानी करीब 21 फीसदी कम। इसलिए कम आय को देखते हुए महिलाओं के लिए और भी जरूरी है कि वे अच्छा निवेश पोर्टफोलियो बनाकर पैसा कमाना और जोड़ना शुरू करें। ताकि वो कम समय में अपने लिए पर्याप्त फंड जुटा सकें।
महिलाओं के कैरियर में आते हैं कई उतार चढ़ाव
कई बार महिलाओं के करियर का ग्राफ हमेशा बढ़ता हुआ नहीं हो पाता। अलग-अलग कारणों से कई बार आपको करियर से ब्रेक लेना पड़ सकता है। कुछ शादी के बाद नौकरी छोड़ देती हैं, कुछ प्रेग्नेंसी के दौरान या उसके बाद। इससे कॅरियर ग्रोथ और आय, दोनों प्रभावित होती हैं। आपने रिटायरमेंट के लिए पैसे इकट्ठा करने का जो लक्ष्य रखा है, वह इससे प्रभावित हो सकता है। इस अंतर को कम या खत्म करने लिए निवेश की बेहतर प्लानिंग करना बहुत जरूरी है।
महिलाओं में कम होती है वित्तीय साक्षरता
ग्लोबल फाइनेंशियल लिटरेसी एक्सीलेंस सेंटर द्वारा 2017 में किए गए सर्वे के अनुसार दुनियाभर में केवल 20 फीसदी महिलाओं को ही फाइनेंशियल कंसेप्ट (वित्तीय साक्षरता) की समझ है। यह पुरुषों से 8 फीसदी कम है। वित्तीय साक्षरता का मतलब है किसी व्यक्ति को बजट बनाने, पैसा बचाने, खर्चों पर नियंत्रण करने, कर्ज संभालने, रिटायरमेंट की प्लानिंग करने और संपत्ति जोड़ने की बेहतर समझ हो। इसलिए जरूरी है कि आप फाइनेंशियल प्लानिंग के बारे में पढ़कर या किसी एक्सपर्ट से बात करें। इससे आपको बचत और निवेश की सही समझ होगी।
इमरजेंसी फंड बनाना है जरूरी
रिटायरमेंट के लिए पैसा जोड़ने के अलावा नौकरी जाने जैसी आपातकालीन स्थितियों के लिए भी आपको तैयार रहना चाहिए। यह इमरजेंसी फंड आपके कम से कम 6 महीने के वेतन के बराबर होना चाहिए। इससे आपको कोरोना काल जैसे बुरे वक्त से निपटने में मदद मिलेगी।
अपने खर्च का रखें हिसाब
बचत या निवेश के साथ ये भी बहुत जरूरी है कि आप अपने खर्च का भी हिसाब रखें। क्योंकि महिलाओं के खर्च और जरूरतें पुरुषों से अलग होती हैं। इस वजह से उनके सामने अलग ही वित्तीय चुनौतियां भी होती हैं। खर्च का हिसाब रखने से उन्हें अपने बचत का अंदाजा लगाना आसान हो जाएगा, और आप ज्यादा बचत सकेंगे।
सही रिटायरमेंट प्लानिंग जरूरी
सेंसस ऑफिस के सेंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के तहत किए गए सर्वे के मुताबिक भारत में महिलाएं आदमियों की तुलना में ज्यादा जीवित रहती हैं। इस वजह से उनकी रिटायरमेंट प्लानिंग अवधि भी बढ़ जाती है। जीवनसाथी के गुजर जाने के बाद उनकी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें इस समय को ध्यान में रखने हुए प्लानिंग करनी चाहिए।
लॉन्ग टर्म हेल्थ इंश्योरेंस लेना रहेगा सही
अगर आप सिंगल महिला हैं तो आपके लिए लॉन्ग टर्म हेल्थ इंश्योरेंस (केयर इंश्योरेंस) लेना भी एक अच्छा आइडिया है। ऐसा हो सकता है कि उम्रदराज होने के बाद आपको इसकी जरूरत पड़े, खासतौर पर तब, जब आपकी देखभाल के लिए कोई मौजूद न हो। हालांकि ऐसे लॉन्ग-टर्म हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम की कीमत ज्यादा होती है लेकिन इसे जितने जल्दी ले लेंगे, उतना कम कीमत पर यह मिल सकता है।