ऑडिशन के समय हिंदी भाषा का एक शब्द भी नहीं जानती थी आर्यनंदा बाबू, अब सिंगिंग रियलिटी शो की विजेता बनकर जीते 5 लाख रुपए
हाल ही सिंगिंग रियलिटी शो ‘सारेगामापा लिटिल चैंप्स’ सीजन 8 की विजेता की घोषणा हुई है। इस सीजन की सबसे बेहतरीन परफॉर्मर्स में से एक केरला की आर्यनंदा बाबू को शो की विजेता के रूप में चुना गया। 12 साल की आर्यनंदा को ट्रॉफी के अलावा नगद पुरस्कार के रूप में 5 लाख रुपए का चेक भी दिया गया है। दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान, आर्यनंदा ने बताया कि वे इस जीती हुई राशि से घर खरीदेंगी।
ट्रॉफी जीतकर कैसा लग रहा है?
वो मेरे लिए बेहद खुशी का पल था। मुझे यकीन नहीं होता कि मैं जीत गई हूं। मुझे बेहद गर्व महसूस हो रहा है और मुझे खुशी है कि मैंने इस शो में हिस्सा लिया। जब मैंने सुना कि मैं विजेता हूं तो मैं रो पड़ी थी। यह मेरे लिए भगवान का गिफ्ट है। लॉकडाउन के दौरान मैं मुंबई में रही और मैंने बहुत कड़ी प्रैक्टिस की। आखिर मेरी मेहनत रंग लाई।
जीतने में किस बात ने आपकी मदद की?
पूरे लॉकडाउन के दौरान मेरे सभी साथी अपने-अपने शहर लौट गए थे, लेकिन मैं और मेरे पिता मुंबई में ही रहे और मैंने अपनी कला को बेहतर बनाने के लिए दिन-रात प्रैक्टिस की और कड़ी मेहनत की। लेकिन मुझे लगता है कि ईश्वर मुझ पर काफी मेहरबान रहा, उनके आशीर्वाद और लोगों के वोट के बिना मैं यह सब हासिल नहीं कर सकती थी।
आप गाना कबसे सीख रही हैं?
मेरे पिता एक संगीत टीचर हैं और वे शुरुआत से ही यह कर रहे हैं। मुझे अपनी जिंदगी में शुरू से ही संगीत में काफी दिलचस्पी रही है। मैं अपने पिता को उनके विद्यार्थियों को संगीत सिखाते देखती थी और हमेशा इससे बहुत आकर्षित होती थी। मेरे पिता मेरे पहले गुरु हैं और आज मैं संगीत के बारे में जो भी जानती हूं और मैंने जो भी शिक्षा ली है, वो अपने पिता से ही हासिल की है।
इंडस्ट्री में आपकी प्रेरणा कौन हैं?
जहां जिंदगी में मेरे पिता मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं, वहीं मैं लता मंगेशकर जी से बहुत प्रेरित हूं। मैं हमेशा उनकी बहुत बड़ी फैन रही हूं और उनके जैसी बनना चाहती हूं। मैं उन्हीं की तरह मशहूर गायिका बनने की ख्वाहिश रखती हूं।
आगे आप किसके साथ काम करना चाहती हैं?
मैं ए आर रहमान सर के साथ काम करना चाहती हूं। मैं उनकी बड़ी फैन हूं।
हिंदी का ज्ञान ना होने पर गाने कैसे याद किए?
पिछले साल फाइनल ऑडिशन के दौरान मुझे हिंदी का एक शब्द भी नहीं आता था। इसलिए मुझे काफी अड़चनों का सामना करना पड़ा, क्योंकि मैं देश के दक्षिणी भाग से आती हूं और मैं हिंदी नहीं बोल सकती थी। इस वजह से मुझे कुछ शब्दों के उच्चारण या मतलब भी नहीं पता थे। इसलिए ग्रुमिंग सेशंस में मुझे काफी मदद मिली।
समय के साथ मैंने थोड़ी बहुत भाषा सीखी। हालांकि इतने कम समय में गाने के बोल सीख पाना काफी मुश्किल था। जहां यह एक चुनौती थी, वहीं मुझे इस प्रक्रिया में बहुत मजा आया। इसलिए अब जब गाने की बात हो तो मैं अलग-अलग भाषाएं सीखना चाहूंगी और इसकी शुरुआत बॉलीवुड गानों से करना चाहूंगी।
अपनी यह जीत और सफलता किसे समर्पित करना चाहेंगी?
मैंने और मेरे परिवार ने कभी इस जीत की उम्मीद नहीं की थी। ऐसे में घर पर सभी लोग बेहद खुश हैं। मैं अपनी यह जीत अपने पैरेंट्स को समर्पित करती हूं। उनके बिना मैं यहां कभी नहीं पहुंच पाती। मेरे दोनों पैरेंट्स म्यूजिक टीचर हैं। मेरी मां मेरे लिए प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए हिंदी गानों के बोल को मलयालम में लिखती थीं। मैं उन दोनों की बेहद आभारी हूं।
आप यह शो जीत चुकी हैं, तो आपकी क्या योजना है?
मैं हर तरह का संगीत और अलग-अलग भाषाएं सीखना चाहती हूं। मैं हिंदी तो निश्चित तौर पर सीखूंगी, लेकिन मैं दूसरी भाषाओं में भी हाथ आजमाऊंगी और उन्हें भी सीखूंगी।
5 लाख रुपए की इनाम राशि का आप क्या करने वाली हैं?
इस समय हम एक किराए के मकान में रहते हैं और इस जीती हुई राशि से हम एक घर खरीदने की योजना बना रहे हैं। मैं कुछ पैसे अपनी पढ़ाई के लिए भी रखूंगी।