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मध्य प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ अधिनियम अध्यादेश के माध्यम होगा लागू, कैबिनेट ने दी मंजूरी

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम कानून के माध्यम से लागू करने का निर्णय लिया गया। इसे कैबिनेट की मंजूरी के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अनुमति के लिए भेजा गया है। अनुमति मिलने के बाद यह अधिनियम मध्यप्रदेश में प्रभावी हो जाएगा। इसका उल्लंघन करने पर कठोर दंड का प्रविधान किया गया है। प्रलोभन, बहलाकर, बलपूर्वक या मतांतरण कराकर विवाह करने या कराने वाले को एक से लेकर दस साल के कारावास और अधिकतम 100000 रुपए तक अर्थदंड का प्रविधान भी किया गया है। बैठक में इसके अलावा अन्य विधेयकों की जगह अध्यादेश लाए जाने की अनुमति भी दी गई।

गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से विधानसभा में जो विधेयक प्रस्तुत किए जाने थे। उनकी जगह अध्यादेश लाने का निर्णय लिया गया है। लव जिहाद को रोकने के लिए मध्यप्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम लागू होगा। इससे संबंधित अध्यादेश को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसे राज्यपाल को अनुमति के लिए भेजा गया है। अनुमति मिलते ही यह लागू हो जाएगा इसमें कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा बैठक में दंड विधि (मध्यप्रदेश संशोधन) अध्यादेश को भी मंजूरी दी गई है। इसमें यह व्यवस्था है कि मिलावट करने वाले को अब आजीवन कारावास की सजा तक हो सकती है।

लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी कानून में संशोधन अध्यादेश के माध्यम से प्रभावी होगा। इसमें यह प्रविधान किया गया है कि एक निश्चित अवधि तक यदि सेवा नहीं दी जाती है तो स्वतः अनुमति मान ली जाएगी। लापरवाही बरतने वाले संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। बैठक में पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उपकर के ऊपर उपकर की व्यवस्था में संशोधन, सहकारी सोसायटी अध्यादेश और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की प्रशासकीय व्यवस्था में संशोधन को भी मंजूरी दी गई।

अब नए साल में होगी कैबिनेट

गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि यह इस साल की अंतिम कैबिनेट बैठक थी। अब मंत्रिमंडल की बैठक नए साल में होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोनाकाल की विषम परिस्थितियों के बीच सभी ने अपनी पूर्ण क्षमताओं के साथ काम किया है। उन्होंने कोरोना योद्धाओं की भूमिका की भी प्रशंसा की।

 

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