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डोनाल्ड ट्रम्प को आज ही पद से हटाने की कवायद तेज, हिंसा में 4 की मौत

वॉशिंगटन। अमेरिकी संसद में हुए भारी हंगामे में मरने वालों की संख्या चार हो गई है। इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प समर्थक एक महिला की मौत की सूचना थी। इससे पहले भारी संख्या में डोनाल्ड ट्रम्प समर्थक संसद परिसर के US Capitol में जबरन प्रवेश कर गए। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों और ट्रम्प समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई। हंगामा में एक महिला की मौत हो गई है। US Capitol वॉशिंगटन डीसी में है। यहां अमेरिकी कांग्रेस के लोग बैठते हैं। इस समय अमेरिकी कांग्रेस में जो बाइडन को पिछले साल तीन नवंबर को हुए चुनाव में मिली जीत की पुष्टि के लिए सत्र चल रहा था। इसी दौरान हंगामा हुआ। बाद में अमेरिकी कांग्रेस ने जो बाइडेन की जीत पर मुहर लगा दी। अमेरिकी कांग्रेस के मुताबिक, बाइडेन को 306 इलेक्टोरल वोट मिले हैं और अब वे 20 जनवरी को राष्ट्रपति पर की शपथ लेंगे। अमेरिका में हुए इस हंगामे पर दुनियाभर से प्रतिक्रिया आ रही है। खुद डोनाल्ड ट्र्म्प की पार्टी के नेता आलोचना कर रहे हैं। इसे अमेरिकी लोकतंत्र का काला दिन बताया जा रहा है। डोनाल्ड ट्रम्प के फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम अकाउंट ब्लॉक कर दिए गए हैं। वॉशिंगटन डीसी में कर्फ्यू लगा दिया गया है। संसद की सुरक्षा के लिए 1000 नेशनल गार्ड्स तैनात किए गए हैं।

किसी भी वक्त हटाए जा सकते हैं ट्रम्प

ट्रम्प समर्थकों की हरकत के खिलाफ अमेरिकी सांसदों में गुस्सा है। कहा जा रहा है कि सभी मिलकर अमेरिकी संविधान की विशेष धारा 25 के तहत मौजूदा राष्ट्रपति ट्रम्प को समय से पहले पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हालांकि इसके लिए दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत अनिवार्य होगा। सभी सांसद इस पर चर्चा कर रहे हैं।

अमेरिकी संसद की हिंसा पर पीएम मोदी की प्रतिक्रिया

‘वॉशिंगटन डीसी में दंगों और हिंसा के बारे में समाचार सुनकर आहत हूं। सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण जारी रहना चाहिए। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को गैरकानूनी विरोध प्रदर्शन के माध्यम से प्रभावित नहीं होने दिया जा सकता है।’

ट्रम्प समर्थकों के हंगामे पर बाइडेन की प्रतिक्रिया

‘लोकतंत्र अप्रत्याशित रूप से खतरे में है। मैं राष्ट्रपति ट्रम्प से अपील कर रहा हूं कि वो नेशनल टीवी पर जाएं और अपनी शपथ का पालन करते हुए संविधान की रक्षा करें और कैपिटल को कब्जे से मुक्त कराएं। कैपिटल में घुसकर खिड़कियां तोड़ना, फ्लोर पर कब्जा कर लेना और उथल-पुथल मचाना विरोध नहीं फसाद है।’

 

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