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रेलवे को मार्च तक सभी ट्रेनें चलने की उम्मीद, अभी 1100 स्पेशल गाड़ियां चल रहीं, इनमें दोगुना किराया वसूला जा रहा

देश में कोरोना की स्थिति में सुधार के बावजूद बड़ी संख्या में ट्रेनें अब भी लॉक हैं। ज्यादातर प्रमुख रूट पर स्पेशल ट्रेन चल रही हैं, लेकिन लोगों को इनमें दोगुना तक किराया देना पड़ रहा है। ऐसे में एक अच्छी खबर है- रेल मंत्रालय को उम्मीद है कि मार्च तक सभी मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें शुरू हो जाएंगी। रेलवे नियमित ट्रेनाें काे दाेबारा पटरी पर लाने की तैयारी में है।

देश में काेरोना संक्रमण से पहले करीब 12 हजार यात्री ट्रेनें चल रही थीं। रेल मंत्रालय के मुताबिक अभी 1700 मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में से 1100 से अधिक चल रही हैं। पांच से छह हजार सब अर्बन ट्रेनों में से 90% चल रही हैं। इंटर स्टेट ट्रेन करीब 3.5 हजार हैं जिनमें से करीब 300 ही चल रही हैं। रेल मंत्रालय के मुताबिक मार्च तक सभी मेल-एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की कोशिश है।

केंद्रीय स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय कोविड की स्थिति का रिव्यू कर रेल मंत्रालय को रिपोर्ट देंगे। राज्यों में आपसी सहमति उनकी मांग के आधार पर ज्यादा इंटरस्टेट ट्रेनें चलाने के बारे में निर्णय होगा। चूंकि महाराष्ट्र और केरल को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में कोराेना अब काबू में है। इसलिए माना जा रहा है ट्रेनों की संख्या अगले महीने से बढ़ने लगेगी।

स्पेशल ट्रेन में लग रहा दोगुना किराया
पहले पश्चिम मध्य रेल जोन के रूट पर 608 मेल-एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें थीं। अभी यहां तीन मंडलों में 162 ही चल रही हैं। गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी रूट पर किराया सामान्य है। फेस्टिवल स्पेशल और दूसरे रूट पर चल रही ट्रेनों में लंबे रूट का 200 से 800 रुपए एक्स्ट्रा चार्ज है। रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य निरंजन वाधवानी के अनुसार नियमित ट्रेन शुरू करने के लिए पत्र लिखा जाएगा।.

महाराष्ट्र: छोटी दूरी के लिए भी दोगुने से ज्यादा किराया देना पड़ रहा
पहले अलग-अलग जोन से जुड़ी 2,226 ट्रेनें चल रही थीं, अभी 1745 हैं। भुसावल-मुंबई जैसे व्यस्त रूट पर भी दोगुने से ज्यादा किराया है। इस रूट पर पैसेंजर का किराया 85 रु., एक्सप्रेस का 300 और फेस्टिवल ट्रेन का 800 रु. है। पैसेंजर और लोकल ट्रेनें शुरू करने के लिए राज्य ने सिफारिश भेजी है। राज्य परिवहन की 16 हजार बसों में से अभी 13 हजार बसों का संचालन हो रहा है।

छत्तीसगढ़: पूजा स्पेशल का विस्तार हुआ, पर यात्रियों पर दोगुना भार
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 343 में से 96 ट्रेनें ही चल रही हैं। दुर्ग-भोपाल अमरकंटक एक्सप्रेस स्पेशल का रायपुर से शहडोल के लिए बेस फेयर 190 रुपए, रिजर्वेशन चार्ज 20 रुपए और सुपरफास्ट चार्ज 30 रुपए है। पूजा स्पेशल के तौर पर चलाई जाने वाली दुर्ग-निजामुद्दीन का बेस फेयर 365 रुपए, रिजर्वेशन चार्ज 20 रुपए और सुपरफास्ट चार्ज 30 रुपए है। पूजा स्पेशल ट्रेनों का विस्तार किया गया है।

राजस्थान: कोटा से सवाई माधोपुर जाने के 35 की जगह लग रहे हैं 80 रुपए
पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल से रोज 65 मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। इनमें एक भी पैसेंजर ट्रेन नहीं है। मथुरा-नागदा सबसे बिजी रूट है। स्पेशल ट्रेनों में जयपुर-मुंबई के बीच लोगों को दोगुने से ज्यादा किराया देना पड़ रहा है। कोटा-सवाई माधोपुर के बीच 35 रु. की जगह 80 रु. चार्ज लग रहा है। पहले कोटा से रामगंज मंडी तक एक्सप्रेस में किराया 35 रु. लगता था, जिसके अब 45 रु. लग रहे हैं।

हरियाणा: 385 एक्सप्रेस ट्रेनें चलती थीं, अभी 125 चल रही हैं
हरियाणा से करीब 385 एक्सप्रेस ट्रेनें चलती थीं। अभी 125 चल रही हैं। रेवाड़ी जंक्शन से हर रोज 120 एक्सप्रेस और 52 पैसेंजर ट्रेनों का आना-जाना था। यहां अभी 68 एक्सप्रेस ट्रेनों का आना-जाना हो रहा है। राज्य में सबसे बिजी रूट रेवाड़ी-दिल्ली है। यहां पैसेंजर ट्रेन का किराया 20 रुपए है, लेकिन अब यात्रियों को स्पेशल ट्रेनों में 45 रुपए देने पड़ रहे हैं।

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