ओलिंपिक रद्द हुआ तो जापान को 3.15 लाख करोड़ का नुकसान होगा, 80% जापानी चाहते हैं यह टल जाए
जापान में हाल ही में किए गए पब्लिक ओपिनियन पोल के अनुसार, 80% से ज्यादा जापानी नागरिक चाहते हैं कि इस साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक या तो टाल दिए जाएं या फिर रद्द कर दिए जाएं। अगर ऐसा होता है ताे जापान की इकोनॉमी को बड़ा झटका लगेगा।
इकोनॉमिस्ट के मुताबिक, अगर टोक्यो ओलिंपिक और पैरालिंपिक रद्द कर दिए गए तो 4.5 ट्रिलियन येन (करीब 3.15 लाख करोड़ रु.) का नुकसान होगा। इसमें सरकार, आयोजन समिति, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर, टूरिज्म सेक्टर, रिटेल आउटलेट को होने वाला नुकसान शामिल है। गेम्स न होने से करीब 42 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान पहले ही हो चुका है, क्योंकि इसके लिए तैयार स्पोर्ट्स सुविधाएं, इन्फ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव का खर्च बढ़ गया।
इस घाटे को कवर करने के लिए आयोजक नए एडवरटाइजर तलाश रहे हैं। उन्होंने गेम्स का बीमा कराया है। इनके पोस्टपोन या कैंसिल होने पर 480 मिलियन डॉलर (करीब 3520 करोड़ रुपए) मिलेंगे।
तैयारी परखने के लिए बेसबॉल का आयोजन
आयोजकों ने ओलिंपिक की तैयारी परखने के लिए टेस्ट इवेंट कराए थे। उसने ओलिंपिक के वेन्यू टोक्यो और योकोहामा में बेसबॉल मैच आयोजित किए थे। इसमें सीमित संख्या में दर्शकों की एंट्री थी। दर्शकों के बीच एक-एक सीट खाली रखी गई थी। उन्हें मास्क पहनना अनिवार्य था। जगह-जगह सेनिटाइजर स्टेशन बनाए गए थे।
आयोजकों के अनुसार, इन इवेंट का आयोजन सफल रहा था। अब अगले कुछ महीनों में टेस्ट इवेंट का आयोजन पहले हो चुके टूर्नामेंट से सबक लेकर किया जाएगा। ओलिंपिक 23 जुलाई से 8 अगस्त तक होने हैं।
कोरोना के कारण लागत 20 हजार करोड़ रुपए बढ़ी
गेम्स की लागत पहले 25 बिलियन डॉलर (करीब 1.82 लाख करोड़ रु.) थी। कोरोना के कारण गेम्स की तारीख आगे बढ़ने से लागत 2.8 बिलियन डॉलर (करीब 20 हजार 450 करोड़ रु.) और बढ़ गई। इसमें वेन्यू से जुड़ा खर्च सबसे ज्यादा है। गेम्स के लिए आयोजकों ने 19 नए वेन्यू बनाए हैं, जिसमें 10 अस्थाई हैं। वहीं, 18 रिनोवेट हुए हैं।
खिलाड़ियों की मांग- सरकार जल्द फैसला ले
जापान के खिलाड़ी इस विवाद से दूर रहना चाहते हैं कि गेम्स आयोजित किए जाएं या नहीं। उनका मानना है कि यह राजनैतिक फैसला है, जो जल्द ले लिया जाना चाहिए। खिलाड़ियों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा गेम्स के आयोजन को लेकर चल रही अनिश्चितता का है। उनका कहना है कि अगर गेम्स इस साल जुलाई में होते हैं तो वे उसके हिसाब से तैयारी करेंगे। अगर नहीं होंगे तो तैयारी का तरीका बदल जाएगा।
वहीं, फैंस की भी गेम्स की सुरक्षा को लेकर अलग-अलग राय है। कुछ फैंस इवेंट देखने के लिए जाना चाहते हैं। उनका मानना है कि यह जिंदगी में एक बार मिलने वाला मौका है। वे जरूरी सुरक्षा उपायों के साथ जाना चाहते हैं। कुछ फैंस रिस्क नहीं लेना चाहते।
टेस्ट इवेंट एक महीने के लिए टले, अब अप्रैल में शुरू होंगे
आयोजकों ने गेम्स के टेस्ट इवेंट को एक महीने के लिए आगे बढ़ा दिया है। पहले ये मार्च में होने थे। अब अप्रैल में शुरू होंगे। फाइनल आर्टिस्टिक स्विमिंग क्वालिफायर 4 से 7 मार्च तक होने थे। जापान में इमरजेंसी के कारण ट्रैवल बैन को देखते हुए अब ये 1 से 4 मई तक कराए जाएंगे।
टोक्यो ओलिंपिक और पैरालिंपिक गेम्स के लिए शुरुआती 18 टेस्ट इवेंट अब 3 से 4 अप्रैल तक होंगे। इसमें व्हीलचेयर रग्बी भी शामिल है। ये इवेंट्स योयोगी नेशनल स्टेडियम में होंगे। इसके बाद 18 से 23 अप्रैल तक फिना डाइविंग वर्ल्ड कप होगा। यह टोक्यो एथलेटिक्स सेंटर में होगा। यह भी ओलिंपिक क्वालिफाइंग टूर्नामेंट है।