59 साल बाद बन रहा विचित्र संयोग, एक ही राशि में साथ होंगे 6 ग्रह
दिल्ली। फरवरी माह में 59 साल बाद एक अजीब संयोग बनने जा रहा है। 10 फरवरी की रात को चंद्रमा मकर राशि में प्रवेश करेगा और इसी के साथ एक अद्भुत महासंयोग 59 साल बनेगा। इस अद्भुत संयोग पर दुनियाभर के ज्योतिषियों की नजर है। दरअसल मकर राशि में कुल 9 ग्रहों में से 6 ग्रह आकर मिलेंगे। मेदिनी ज्योतिष के मुताबिक जब एक ही राशि में 5 या उससे अधिक ग्रह (राहु केतू को छोड़कर) युति का निर्माण का करते हैं तो देश-दुनिया के बड़े भू-राजनीतिक बदलाव देखने को मिलते हैं। मेदिनी ज्योतिष के मुताबिक इस प्रभाव इतना ज्यादा असरकारी होता है कि इसे कई दशकों तक देखा जा सकता है। गौरतलब है कि मकर राशि में सूर्य, गुरु, शनि, मंगल, बुध और शुक्र ग्रह एक राशि में आने वाले हैं। ऐसे में किसी युद्ध या बड़े जनांदोलन जैसी आपात स्थिति पैदा हो सकती है। एक ही राशि में ज्यादा कई ग्रहों की युति के निर्माण के प्रभाव के बारे में वर्णन नारद मुनि रचित “मयूर चित्रम” में दिया गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले ऐसा अजीब संयोग 1962 में बना था, तब मकर राशि में 7 ग्रहों की युति बनी थी। ज्योतिष विज्ञान के मुताबिक इसी संयोग के कारण अमेरिका और सोवियत रूस तब क्यूबा मिसाइल संकट के चलते एक-दूसरे से उलझ गए थे और तीन दशक तक शीत युद्ध की स्थिति बनी रही। इसके बाद 1979 के सितंबर माह में सिंह राशि में 5 ग्रहों का योग हुआ था, जिसके चलते ईरान में इस्लामिक क्रांति हुई थी और मुस्लिम जगत में उथल-पुथल मच गई थी। इसी के चलते अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत जैसे देशों में इस्लामिक आतंकवाद का प्रसार हुआ था। वहीं हाल ही में साल 2019 में भी 26 दिसंबर को धनु राशि में सूर्य ग्रहण के समय 5 ग्रहों के योग के कारण कोरोना वायरस महामारी और आर्थिक मंदी जैसी तबाही देखने को मिली थी।
10 फरवरी की रात से 12 फरवरी तक
ज्योतिषियों के मुताबिक 10 फरवरी की रात से 11और 12 फरवरी को मकर राशि में 6 ग्रहों की युति एक बार फिर देश और दुनिया में बड़े बदलाव के संकेत दे रही है। ज्योतिषियों के मुताबिक 12 फरवरी की अमावस्या की कुंडली को देखें तो पता चलेगा कि तुला लग्न की कुंडली के चतुर्थ भाव में शनि, गुरु, बुध, शुक्र, चंद्रमा और सूर्य की युति बनने से षड्ग्रही योग बन रहा है। ऐसे में आशंका है कि किसान आंदोलन और अधिक उग्र हो सकता है। मेदिनी ज्योतिष के मुताबिक मकर राशि, शनि और चंद्रमा का कृषि व किसानी संबंधित कार्यों व किसानों से विशेष संबंध होता है। इसके अलावा चीन की ओर से भी किसी बड़े खतरे या संकट का सामना करना पड़ सकता है।