राजस्थान में पेट्रोकेमिकल्स इंडस्ट्री:पचपदरा में पेट्रोकेमिकल्स रीजन के लिए 31 कंपनियों ने सौंपे सहमति पत्र, 50 हजार करोड़ से ज्यादा निवेश करेंगी
पेट्रोकेमिकल्स इंडस्ट्री में गुजरात के दबदबे के जल्द राजस्थान चुनौती देगा। पचपदरा के पास पेट्रोलियम केमिकल एंड पेट्रोकेमिकल्स इन्वेस्टमेंट रीजन (पीसीपीआईआर) शुरू हो गया है। यानी क्रूड के बाय प्रोडक्ट का यहीं उत्पादन होगा। उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा ने बताया कि यह प्रोजेक्ट टॉप प्रॉयोरिटी है।
इसे जुलाई में लॉन्च करेंगे। 250 वर्ग किमी जमीन चिह्नित हो चुकी है। पहले 100 वर्ग किमी जमीन आबंटित होगी। दुनियाभर की 31 बड़ी कंपनियाें ने यहां आने पर सहमति दी है। इससे 50 हजार करोड़ रुपए निवेश होगा और करीब 1.50 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
16 देशों की 185 कंपनियों को दिया गया था राजस्थान आने का प्रस्ताव
रीको ने सीआईआई के साथ 27 जनवरी को विजुअल ग्लोबल मीट का आयोजन किया। इसमें 16 देशों की पेट्रोकेमिकल्स सेक्टर में दबदबा रखने वाली 185 कंपनियों के सीओओ शामिल हुए। मीट के बाद यूएई, बहरीन, ब्राजील आदि की कंपनियों ने राजस्थान आने की सहमति दी।
भारत, सऊदी अरब, यूएई, ओमान, जर्मनी, इंग्लैंड, अमेरिका, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, फ्रांस, जापान, सिंगापुर, ताइवान, जोर्डन, दक्षिणी कोरिया, दक्षिणी अफ्रीका से थीं। 31 ने सहमति पत्र भी भेज दिए हैं।
100 कंपनियां 17 देशों से मीट में आईं
जुलाई में दो साइट पर जमीन आबंटन जो रिफाइनरी से सिर्फ 17 किमी पर
पीसीपीआईआर में रीको का पहला इंडस्ट्रियल एरिया रिफाइनरी से 17 किमी दूर बोरावास व कालवा गांव के पास बनाया गया हैं। यहां पर 243 हैक्टेयर में से 32 हैक्टेयर जमीन का आबंटन नीलामी के माध्यम से आगामी जुलाई में किया जाएगा। जोधपुर व बाड़मेर में ही 16 साइट तय कर दी गई हैं।
रिफाइनरी से 35 किमी दूर थोब गांव के पास 422 हैक्टेयर जमीन चिह्नित हो चुकी है और इसे रीको को देने के लिए सरकार के स्तर पर प्रक्रिया जारी है। संभवत: दूसरे फेज में यहां आबंटन किया जाएगा।
2290 हैक्टेयर जमीन जोधपुर-बाड़मेर में
खपत बढ़ेगी क्योंकि ग्लोबल एवरेज की तुलना कें एक तिहाई ही खपत
बाड़मेर में 1.65 लाख बैरल प्रतिदिन क्रूड उत्पादन होता है, जो देश के तेल उत्पादन का करीब 25% हैं। 2025 तक इसे 50% पहुंचाने की योजना है। अभी बाड़मेर से क्रूड रिफाइन होने जामनगर जाता है, जो पचपदरा रिफाइनरी शुरू होने पर बंद हो जाएगा। क्रूड के सभी बाय प्रोडक्ट का उत्पादन यहीं होेने लगेगा।
देश में प्लास्टिक प्रोडक्ट्स का उपयोग सिर्फ 3 किलो प्रति व्यक्ति है, जबकि विश्व में 11 किलो। यानी डिमांड बढ़ेगी, जो राजस्थान के लिए अवसर होगा। एक साल में 33 फीसदी डिमांड बढ़ने की उम्मीद।
10 अरब बैरल तेल भंडार है बाड़मेर में
क्रूड से 70 से ज्यादा प्रोडक्ट
हमारे क्रूड से अभी जामनगर रिफाइनरी में हर साल 90 मीट्रिक टन पेट्रोकेमिकल उत्पाद निकलते हैं। इसमें 1014 किलोटन पोलिपोपलीन, 976 किलोटन पोलीथैलीन, 147 किलोटन बूटाडायीन, 178 किलोटन बेंजीन, 55 किलोटन टॉल्यून शामिल हैं। इनसे कई तरह के प्रोडक्ट बनते हैं।
- क्रूड ऑयल से पेट्रोल व डीजल के अलावा 70 बाय प्रोडक्ट निकलते हैं।
- प्लास्टिक प्रोडक्ट के साथ सिंथेटिक, फर्टिलाइजर एवं नेचुरल गैस सर्किट बनेंगे।
- रिफाइनरी सितंबर, 2023 में शुरू होगी, पीसीपीआईआर इससे पहले तैयार होगा।
- देश में 40% पीवीसी आयात होता है। हमारे उत्पादन से यह कम होगा