Tue. Apr 29th, 2025

भाजपा में सियासी गुटबाजी बड़ी चुनौती विधानसभा की 4 सीटाें के उपचुनाव में हाेगी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पूनियां की परीक्षा

राजस्थान की चार विधानसभा क्षेत्रों में हाेने वाले उपचुनाव में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां की असली अग्नि परीक्षा हाेने जा रही है। एक ओर जहां कांग्रेस लगातार एकता का संदेश दे रही है, वहीं भाजपा में सियासी गुटबाजी नहीं थम रही।

ऐसे में भाजपा की हार और जीत से सीधे ताैर पर सतीश पूनियां का आगे का राजनीतिक करिअर प्रभावित हाेगा। हारने की स्थिति में पूनियां के नेतृत्व पर विराेधी गुट की ओर से सवाल खड़े किए जाएंगे, जबकि जीत की स्थिति में विराेधियाें पर भारी पड़ेंगे। दरअसल एक तरफ किसान आंदोलन है। दूसरी तरफ पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी से निपटना पूनियां के लिए सबसे बड़ी चुनाैती है। कांग्रेस ने मेवाड़ क्षेत्र में सभाओं का आगाज करके सभी नेताओं को एक मंच पर खड़ा किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में राजसमंद वल्लभनगर, सहाड़ा और सुजानगढ़ में कई चुनावी घोषणाएं करके कांग्रेस के पक्ष में जमीन तैयार कर दी है। आम धारणा भी है कि जिसकी सरकार होती है, उसे उप चुनावाें में लाभ मिलता है। इससे भाजपा की चिंताएं बढ़ा दी है, लेकिन पार्टी ने ऐसा कोई मास्टर प्लान तैयार नहीं किया गया है जिससे कांग्रेस को मात दिया जा सके।

किसान मोर्चा सहित सभी अग्रिम संगठनों को फील्ड में लगाया
किसान आंदोलन के तहत उपजे हालातों को देखते हुए बीजेपी ने किसान मोर्चा को उपचुनाव के अन्तर्गत आने वाली विधानसभा क्षेत्रों वाली जगह पर अहम जिम्मेदारियां दी है। इसके साथ ही पार्टी के अग्रिम संगठनों को भी फील्ड में भेज दिया गया है ।

उपचुनाव जेपी नड्डा की निगरानी में

प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को केंद्रीय संगठन ने खुद की निगरानी में कराने का फैसला किया है। इसी कड़ी में पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा उपचुनाव को लेकर 2 मार्च राजस्थान का दौरा करके पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह पैदा करना चाहते हैं। साथ ही पार्टी को एकजुट करके चुनाव जिताना चाहते हैं। नड्डा ने हाल ही में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को तलब करके चुनावी जीत का ब्लूप्रिंट और रिपोर्ट मांगी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *