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दिग्गज एक्टर पी बालाचंद्रन का 69 साल की उम्र में निधन, मैनिंजाइटिस के चलते पिछले 8 महीनों से बेड पर थे

दिग्गज मलयालम एक्टर-राइटर पी बालाचंद्रन का सोमवार को 69 साल की उम्र में निधन हो गया है। बालाचंद्रन ने केरल स्थित अपने निवास पर आखिरी सांस ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे पिछले 8 महीनों से बेड पर ही थे और उनका मैनिंजाइटिस (दिमाग संबंधी बीमारी) का इलाज चल रहा था। आज शाम को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बालाचंद्रन अपने पीछे पत्नी श्रीलता और दो बच्चे श्रीकांत और पार्वती को छोड़ गए हैं। बालाचंद्रन के निधन के बाद से उनके परिवार समेत मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है।

बालचंद्रन आखिरी बार फिल्म ‘वन’ में आए थे नजर
पद्मनाभन बालचंद्रन नायर का जन्म 2 फरवरी 1952 को केरल के कोल्लम जिले के सस्तमकोट्टा गांव मे रहने वाले सरस्वती और पद्मनाभन पिल्लई के घर हुआ था। बालचंद्रन को अब उन्हें साहित्य और सिनेमा में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा। स्कूल ऑफ ड्रामा के पूर्व छात्र बालचंद्रन महात्मा गांधी विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ लेटर के शिक्षक भी थे। वे अपने थिएटर के काम के लिए भी जाने जाते थे। अपने नाटक ‘पावम उस्मान’ के लिए बालचंद्रन ने 1989 में केरल व्यावसायिक नाटक और केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार जीते थे। बालाचंद्रन आखिरी बार सुपरस्टार ममूटी की फिल्म ‘वन’ में नजर आए थे।

रिचर्ड की ‘गांधी’ से की थी एक्टिंग करियर की शुरुआत​​​​​​​
बालाचंद्रन ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत रिचर्ड एटनबरो की ऐतिहासिक फिल्म ‘गांधी’ से की थी। 1982 में रिलीज हुई इस फिल्म में बालाचंद्र ने एक साइड एक्टर के रूप में काम किया था। इसके बाद उन्होंने ‘साइलेंस’, ‘थैंक यू’, ‘त्रिवेंद्रम लॉज’ जैसी कई फिल्मों भी की थीं। एक्टर के अलावा वे एक स्क्रिप्ट राइटर भी थे। उन्होंने ‘कल्लू कोंडोरू पेनु’, ‘अंकल बन’ और ‘पुलिस’ समेत कई हिट फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी थीं। उन्होंने 2012 में रिलीज हुई ‘इवान मेघारूपन’ से अपना डायरेक्टोरियल डेब्यू किया था। उनकी यह फिल्म प्रसिद्ध कवि पी. कुण्हिरमन नायर के जीवन पर आधारित थी। यह एकमात्र फिल्म थी जो उनके निर्देशन में बनी थी। इसके बाद उन्होंने अन्य किसी भी फिल्म का निर्देशन नहीं किया था।

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