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मेडिकल कॉलेज ने नई ज़िन्दगी दी, यह मेरे लिए किसी मंदिर से कम नहीं “खुशियों की दास्ताँ”

रतलाम | 23-अप्रैल-2021

  मेडिकल कॉलेज रतलाम ने मुझे नई जिंदगी दी है, यह मेरे लिए किसी मंदिर से कम नहीं यहां से जब भी गुजरूँगा मेरा सिर यहां झुकेगा और यहां के स्टाफ के प्रति मेरा मन हमेशा दुआएं देगा।
यह कहना है श्री अश्विन जोशी पिता मुकेश कुमार जोशी का।  मेडिकल कॉलेज से स्वस्थ हुए  अश्विन जोशी ने यहां से डिस्चार्ज होते समय कहा कि 12 अप्रैल को मैं यहां क्रिटिकल कंडीशन में आया था। उस समय लग रहा था कि मैं बचूंगा भी या नहीं। लेकिन आज 22 अप्रैल को सकुशल अपने घर जा रहा हूं।
मेरी जिंदगी को बचाने में रतलाम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर, नर्स, ग्राउंड स्टाफ एवं सभी कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। यहां की व्यवस्थाएं इतनी बढ़िया रही की किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। स्टाफ का पूरा सहयोग मिला। यह सब मेरे लिए भगवान के समान है। अश्विन ने बताया कि यहां के स्टाफ के प्रति मैं सौ बार धन्यवाद देता हूं और यह कामना करता हूं कि ईश्वर इनको इतनी शक्ति दे यह सभी की इसी प्रकार सेवा करते रहे और यहां से सभी जन स्वस्थ होकर लौटे।
उन्होंने कहा कि बाहर मेडिकल कॉलेज को लेकर जो भी प्रचार किया जा रहा है वह सब ग़लत है। मैं एक बार नहीं हजार बार इस बात को दोहराता हूं कि रतलाम मेडिकल कॉलेज की सभी व्यवस्था बेहतर हैं और यहां भर्ती मरीजों को पूर्ण उपचार मिल रहा है। उन्होंने इस व्यवस्था को बार-बार धन्यवाद दिया।

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