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देश में रेमडेसिविर की उपलब्धता बढ़ाने जा रही ये कंपनी, सरकार को साढे चार लाख शीशी दान का किया ऐलान

दवा कंपनी जीलीड साइसेंज ने कहा है कि वह वह कोविड-19 संक्रमित रोगियों के इलाज में काम आने वाली दवा रेमडेसिविर की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रही है. कंपनी ने भारत सरकार को कम से कम 4.5 लाख शीशी ‘वेकलरी’ (रेमडेसिविर) दान करने की भी घोषणा की है.

भारत में महामारी का प्रकोप तेज होने को देखते हुए कंपनी ने ये घोषणाएं की हैं. जीलीड साइंसेज ने एक बयान में कहा कि भारत में महामारी में तेजी को देखते हुए वह अपनी औषधि के विनिर्माण का लाइसेंस रखने वाले स्वैच्छिक भागीदारों को तकनीकी सहायता, नई स्थानीय इकाई खोलने के के लिए सहयोग सक्रिय औषधीय रसायन (एपीआई) का अनुदान दे रही है.

इसके अलावा कंपनी ने भारत को कम से कम 4,50,000 लाख शीशी वेकलरी (रेमडेसिविर) दान करेगी. भारत के औषधि नियंत्रक ने इस दवा को कोवल आपात परिस्थिति में कोविड-19 के पुष्ट लक्षण वाले गंभीर रोगी को दिए जाने की मंजूरी दी है.

इस औषधि के लिये जीलीड साइंसेज का स्वैच्छिक लाइसेंसिंग कार्यक्रम पिछले साल मई में शुरू किया था. इसके तहत नौ विनिर्माताओं को रेमडेसिविर का उत्पादन करने का लाइसेंस दिया गया था. इसमें से सात भारत में हैं. इसके जरिए 127 देशों में इस दवा की आपूर्ति का लक्ष्य है.

भारत में सिप्ला, डा रेड्डीज लैब, हेटरो लैब, जुबिलैंट लाइफसाइंसेज, माइलान, सिंजेनी और जाइडस कैडिला हेल्थ केयर को यह लाइसेंस दिया गया है. भारत में कोविड-19 संक्रमण रोजना 3.23 लाख से ऊपर पहुंच चुका है. देश में इस महामारी से करीब 1.98 लाख लोगों की मौत हो गयी है.

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