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कोरोना महामारी निवारण के लिए कालिका माता मंदिर में हुआ सुरक्षा कवच यज्ञ

देहरादून। कालिका माता मंदिर समिति व उत्तराखंड विद्वत सभा के आचार्यों द्वारा महाराजजी द्वारा स्थापित अरण मंथन द्वारा प्रतिष्ठित अखंड यज्ञशाला में करोना संक्रमण रोग निवारण हेतु त्रि दिवसीय यज्ञ का आज अंतिम दिवस भौमवती अमावस्या (पितृ अमावस ) मे यज्ञ हुआ। जिसका नाम सुरक्षा कवच यज्ञ है यह यज्ञ उत्तराखंड विद्वत सभा के 11 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा किया गया. यह यज्ञ देवीय प्रकोप, महामारी निवारण हेतु तथा संक्रमण से ग्रसित सभी लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मंगल कामना हेतु एवं कोविड-19 रोग वायरस से अंतिम सांस तक जीवनदान की भिक्षा मांगते हुए श्री गोलोक धाम को प्राप्त हो चुके सभी की आत्मा की शांति हेतु यज्ञ हुआ. यह यज्ञ मंदिर के आचार्य श्री चंद्रप्रकाश ममगई जी की सानिध्य में संपन्न हुआ. यज्ञ मे सर्वप्रथम सभी देवी देवताओं को आमंत्रित कर व नवग्रह का पूजन कर यज्ञ को प्रारंभ किया यज्ञ में सर्वप्रथम गायत्री की माला हुई महामृत्युंजय की माला हुई. आदित्य हृदय स्तोत्र, पुरुष सूक्त, श्री सूक्त के मंत्रों की भी आहुतियां दी गई. भौमवती अमावस्या के उपलक्ष में गीताजी के 6अध्याय, 12 अध्याय 15 अध्याय के मंत्रों की भी आहुतियां दी गई. तत्पश्चात विशेष दुर्गा स्तुति के मंत्रों व नारायण कवच की विशेष मंत्र की भी आहुतियां दी गई. दुर्गा कवच का *अमोघ मंत्र ॐ सैव काले महामारी* *सैव सृष्टिभर्वत्यजा स्तिथि*करोति भूतानी सैव काले* *सनातनी* ** ) व *सर्व मंगल मांगल्ए शिवे* **सर्वार्थ साधिके शरण्ए त्र् ** **यंबके गौरी नारायणी* *नमोस्तुते* *बजृपंजर* *नामेदं,यो रामकवचं स्मरेत।* । *अव्याहताज्ञ.. सर्वत्र, लभते* *जयमंगलम।। विश्वकल्याण हेतु आहुति दी गयी.* आहुतियां विशेष जड़ी बूटी औषधि वनस्पतियों से सामग्री तैयार कर अग्नि कुंड में अर्पित की गयी. धूमावती अमावस्या तथा तीन दिवसीय करोना से मुक्ति हेतु रक्षा कवच यज्ञ की पूर्णाहुति महंत श्री 108 किशन गिरी जी महारज जी ने पधार कर सभी भक्तो को शुभ आशीष दिया व भक्त समाज को संबोधित कर कहा कि ऐसे कष्ट के समय मे ईश्वर आराधना तथा शासन द्वारा निर्देशित नियमों का पालन करना चाहिए . सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चित् दुख भा भवे. इसी क्रम में मंदिर समिति के वरिष्ठ पुजारी तथा उत्तराखंड विद्वत सभा के महामंत्री श्री चंद्र प्रकाश मंत्री जी ने संचालन के माध्यम से संदेश दिया कि अथर्ववेद के दूसरे अध्याय के 31 श्लोक में ऐसी ही विधि का वर्णन है कि विशेष रूप से लोबान, सरसों, जटामासी, नीम, सेंधा नमक, गूगल , अगर, मगर,आदि औषधियों की अवधि से यज्ञ नारायण प्रसन्न होकर उन्हें के धुएँ के रूप में वातावरण वायुमंडल की शुद्ध व पवित्र कर देते हैं. सभा अध्यक्ष आचार्य संदीप रतूड़ी जी ने कहा कि सामाजिक धार्मिक सभाओं को यज्ञ आदि कर्म करके इस करो ना काल से निजात मिल सकती है अंत में श्री कालिका माता समिति मंदिर के प्रधान श्री नरेश maini जी ने पधारे हुए संत समाज व ब्राह्मणों का अभिनंदन कर उनको बधाई दी. यह धरती साधु-संतों की तपस्थली है यहां कष्ट कुछ समय के लिए आ सकता है परंतु उससे निजात हमें हमारे समाज के साधु-संत व ब्राह्मण ही निजात दिला सकते हैं मंदिर समिति की मंत्री अशोक लांभा जी ने सभी संतो व ब्राह्मणों का आदर सत्कार किया दक्षिणा अर्पण की. इस अवसर पर उत्तराखंड विद्वत् सभा के अध्यक्ष डा संदीप रतूड़ी उपाध्यक्ष आचार्य जयप्रकाश गोदियाल, महासचिव आचार्य चंद्र प्रकाश ममगांई, प्रवक्ता आचार्य बिजेंद्र प्रसाद ममगांई , आचार्य जनार्दन नोटियाल, हर्ष पति घिडिल्याल, हर्ष मणि घिडिल्याल, मंदिर समिति के ट्रस्टी जय किशन कक्कर, प्रधान नरेश मैनी, मंत्री अशोक लांभा, नीरज जिंदल, बॉबी, हरीश भाटिया, कमल गुप्ता, लेखराज, ध्रुव नंदा, तरुण, दीपक बिस्ट, जगमोहन ग्रोवर, राजीव तनेजा, सतीश मेहता, उमेश मरवाह, आदि उपसित थे.

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