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नारदा स्टिंग केस: TMC के नेताओं की गिरफ्तारी, CBI दफ्तर के बाहर हंगामा, पुलिस का लाठीचार्ज | जानें अब तक क्या-क्या हुआ

कोलकाता: नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में सोमवार को सीबीआई ने टीएमसी के तीन विधायक और एक पूर्व नेता को गिरफ्तार किया. इस गिरफ्तारी के विरोध में सीबीआई दफ्तर के बाहर भारी हंगामा हुआ. पुलिस ने लोगों पर लाठीचार्ज किया. सीबीआई दफ्तर पर पत्थरबाजी भी हुई. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि ममता सरकार कानून का पालन करे.

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा, “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ध्यान आकर्षित किया. चैनलों पर और सार्वजनिक डोमेन में, मैंने सीबीआई कार्यालय में आगजनी और पथराव देखा. दयनीय है कि कोलकाता पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस सिर्फ तमाशबीन है. आपसे कार्रवाई करने और लॉ एंड ऑर्डर बहाल करने की अपील करता हूं.”

नारदा स्टिंग मामले में कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर धन लिए जाने के मामले का खुलासा हुआ था. सीबीआई ने मामले के संबंध में तृणमूल कांग्रेस के नेता फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा के साथ पार्टी के पूर्व नेता शोभन चटर्जी को कोलकाता में सोमवार सुबह गिरफ्तार किया. उन्होंने बताया कि ये सभी चार नेता 2014 में कथित अपराध के दौरान मंत्री थे. आईपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा मामले में पांचवे आरोपी हैं और फिलहाल वह जमानत पर हैं.

सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किये जाने के तुरंत बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में निजाम पैलेस स्थित सीबीआई के दफ्तर पहुंचीं और तृणमूल नेताओं को रिहा करने की मांग की, जो 2019 में तत्कालीन कोलकाता पुलिस के तत्कालीन आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ करने के सीबीआई के कदम के खिलाफ उनके विरोध की याद ताजा करती है. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि ममता बनर्जी की कार्रवाई जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपे जाने के कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले में दखल के समान है.

दिल्ली में सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा, ‘‘सीबीआई ने आज पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री रहे चार (पूर्व) नेताओं को नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में गिरफ्तार किया…. आरोप है कि इन लोकसेवकों को स्टिंग ऑपरेशन के दौरान कैमरे पर गैरकानूनी रूप से धन लेते हुए पकड़ा गया था.’’ उन्होंने बताया कि अभियोजन के लिए मंजूरी मिलने के बाद पांचों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा रहा है.

सीबीआई ने हाकिम, मुखर्जी, मित्रा और चटर्जी के अभियोजन की मंजूरी के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से संपर्क किया था. उन्होंने बताया कि जगदीप धनखड़ ने सात मई को सभी चारों नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी जिसके बाद सीबीआई ने अपने आरोप पत्र को अंतिम रूप दिया और उन्हें गिरफ्तार किया. हाकिम, मुखर्जी और मित्रा हाल में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में विधायक चुने गये हैं जबकि चटर्जी ने बीजेपी में शामिल होने के लिए तृणमूल को छोड़ा और उनके दोनों पार्टियों से संबंध हैं.

नारदा टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि फिरहाद हाकिम ने स्टिंग ऑपरेटर से पांच लाख रुपये रिश्वत लेने की बात स्वीकारी जबकि मित्रा और मुखर्जी को कैमरे पर पांच-पांच लाख रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया. चटर्जी को स्टिंग ऑपरेटर से चार लाख रुपये लेते हुए देखा गया.

सीबीआई के अनुसार मिर्जा को भी कैमरे पर पांच लाख रुपये लेते हुए पकड़ा गया. यह टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सार्वजनिक हुआ था. कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में मार्च 2017 में सीबीआई जांच का आदेश दिया था.

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