UP पंचायत चुनाव बना कोरोना स्प्रेडर
उत्तर प्रदेश में 15 से 29 अप्रैल के बीच चार चरणों में पंचायत चुनाव हुए और नतीजे 5 मई तक आए
चुनाव के दौरान ऐसी कई तस्वीरें आईं, जिनमें भीड़ सोशल डिस्टेंसिंग और नियमों को तोड़ती दिखी थी
उत्तर प्रदेश में 15 अप्रैल से 5 मई तक चले पंचायत चुनावों के बाद चौंकाने वाली खबर सामने आई है। उत्तर प्रदेश कर्मचारी संघ संयुक्त परिषद ने दावा किया है कि इन चुनावों में ड्यूटी करने गए दो हजार से ज्यादा लोगों की संक्रमण के चलते मौत हो गई है। परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने भास्कर से कहा कि मृतकों में विभिन्न विभागों के कर्मचारी और करीब एक हजार टीचर भी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चन्द्र शर्मा ने भास्कर से कहा कि 8 दिन पहले ही 706 ऐसे शिक्षकों की लिस्ट तैयार की गई है, जिनकी संक्रमण से जान गई है। इनकी ड्यूटी पंचायत चुनाव में लगाई गई थी। अब संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर ये जानकारी दी है। संघ ने 10 पन्नों की चिट्ठी के साथ ये लिस्ट भी भेजी है। साथ ही इन शिक्षकों के परिवारों को 50 लाख रुपए का मुआवजा दिलाने की मांग की है।
भास्कर ने शिक्षकों की मौतों को लेकर बेसिक शिक्षा परिषद से भी सवाल किया। परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने हमें बताया कि शिक्षक संघ की तरफ से मिली सूची की जांच की जा रही है।
संक्रमण के डर से कर्मचारी ऑफिस नहीं आ रहे
कोरोना संक्रमण में सरकारी कर्मचारियों की मौतें होने से अब दूसरे कर्मचारी भी दहशत में आ गए हैं। सचिवालय के कई कर्मचारियों ने दफ्तर आना बंद कर दिया है। नगर निगम के कई कर्मचारी भी ऑफिस नहीं आ रहे हैं।
वोटों की गिनती के दिन भास्कर ने आगाह किया था
पंचायत चुनाव के वोटों की गिनती के दिन उत्तर प्रदेश के कई जिलों से परेशान करने वाली तस्वीरें सामने आई थीं। जिनमें मतगणना केंद्रों पर लोग सोशल डिस्टेंसिंग का नियम तोड़ते दिखे थे। भीड़ में लोगों ने मास्क भी नहीं पहने हुए थे। भास्कर ने तभी आशंका जाहिर की थी कि इस तरह नियमों को तोड़ने से कहीं ये चुनाव कोरोना के सुपर स्प्रेडर न बन जाएं।