हिमाचल प्रदेश की जेलों में बंद विदेशी कैदियों को कोरोना की वैक्सीन नहीं लग पा रही है। इसके पीछे वैक्सीन लगाने के नियम आड़े आ रहे हैं। वैक्सीन लगाने के लिए भारतीय नागरिक होने की अनिवार्यता है। साथ ही आधार कार्ड या उस जैसे भारतीय दस्तावेज होना जरूरी है। चूंकि विदेशी नागरिकों के पास इस तरह का कोई दस्तावेज नहीं है, ऐसे में जेल में बंद सौ से ज्यादा विदेशियों को वैक्सीन नहीं लग पा रही।
खास बात यह है कि जेलों में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए उच्च स्तरीय कमेटी के निर्देश पर 45 साल से ज्यादा उम्र के कैदियों और जेल के स्टाफ को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। साथ ही इससे कम उम्र के कैदियों व कर्मचारियों को भी वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया जारी है। सूत्रों का कहना है कि जब तक विदेशी कैदियों को वैक्सीन लगाए जाने की व्यवस्था नहीं होती, तब तक जेल में आने वाले नए कैदी को अलग बैरक में ही रखा जा रहा है। कुछ दिन तक लक्षण न दिखने के बाद ही अन्य कैदियों के साथ आइसोलेट किया जा रहा है।