नीति आयोग ने जारी की एसडीजी इंडिया इंडेक्स
यूटी में चंडीगढ़ ने बारी बाजी, दिल्ली दूसरे स्थान पर

नई दिल्ली। नीति आयोग द्वारा आज एसडीजी इंडिया इंडेक्स और डैशबोर्ड 2020-21 का तीसरा संस्करण जारी किया गया। वर्ष 2018 में अपने उद्घाटन के बाद से, यह सूचकांक व्यापक रूप से सतत विकास लक्ष्यों(एसडीजी) को प्राप्त करने की दिशा में राज्यों और केन्द्र- शासित प्रदेशों द्वारा की गई प्रगति का दस्तावेजीकरण और उनकी रैंकिंग निर्धारित कर रहा है। अब अपने तीसरे वर्ष में, यह सूचकांक देश में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी)से जुड़ी प्रगति की निगरानी का प्राथमिक उपकरण बन गया है और साथ ही साथ इसने राज्यों और केन्द्र- शासित प्रदेशों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक केरल एक बार फिर से इसमें नंबर वन के स्थाान पर काबिज है। वहीं बिहार पहले की ही तरह इस सूची में सबसे नीचे है। इसका सीधा सा अर्थ है कि बिहार की प्रोग्रेस रिपोर्ट और उसका प्रदर्शन बेहद खराब है। ये रिपोर्ट राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की आर्थिक और पर्यावरण का आंकलन करते हुए तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में केरल को 75 अंक हासिल हुए हैं। जबकि हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु को एक समान 74 अंक हासिल हुए हैं और ये दूसरे नंबर पर काबिज हैं। तीसरे स्थान पर संयुक्त रूप से आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक और उत्तराखंड हैं। उन्हें 72 अंक प्राप्त हुए हैं।
सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों की बात करें तो इसमें केवल बिहार ही शामिल नहीं है बल्कि असम और झारखंड भी है। केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ 79 अंकों के साथ पहले स्थान पर रहा। दिल्ली पुडूचेरी और लक्षदीप संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रहे। उन्हें 68 अंक प्राप्त हुए हैं अंडमान निकोबार 67 अंकों के साथ तीसरे स्थान रहा।
आपको बता दें कि वर्ष 2018-19 की रिपोर्ट में 13 गोल, 39 टार्गेट, 62 इंडीकेटर्स शामिल थे जबकि 2019-20 में 17 गोल, 54 टार्गेट, और 100 इंडीकेटर्स को इसका मापक बनाया गया था। इसी तरह से मौजूदा रिपोर्ट में 17 गोल, 70 टार्गेट और 115 इंडीकेटर्स को किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की तरक्की का पैमाना बनाया गया था। इसी तरह 2030 के लिए 17 गोल और 169 संबंधित लक्ष्य का पैमाना राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए रखा गया है।