Sun. Nov 24th, 2024

आईफोन का आईट्रैप!:हर साल नए मॉडल और सेफ्टी के चलते आईफोन के आदी हो रहे लोग, इतना महंगा होने के बाद भी एपल की हैं कई बंदिशें

आपको लग्जरी एंड्रॉयड और आईफोन में से कोई एक चुनने के लिए कहा जाए, तब आप क्या चुनेंगे? जवाब शायद आईफोन ही हो। दुनिया के लाखों लोगों में आईफोन की दीवानगी है, लेकिन इसकी कीमत आम आदमी के बजट से बाहर होती है। या यूं कहें कि इसे खरीदने के बाद आम आदमी का बजट भी बिगड़ सकता है। वैसे जो लोग आईफोन नहीं खरीद पाते वो खुद को इस बात से राहत दे सकते हैं कि आईफोन बहुत सारे काम कर ही नहीं सकता। इस बात को छोटे से उदाहरण से समझते हैं…

  • क्या आपने कभी अपने आईफोन पर एक बेहतर वॉइस असिस्टेंट के लिए सीरी को स्वैप करने की कोशिश की है?
  • क्या आपने किंडल ऐप से ई-बुक्स खरीदने की कोशिश की?
  • क्या कभी किसी एंड्रॉयड स्मार्टफोन वाले व्यक्ति को आईमैसेज भेजे हैं?
  • क्या आपने आईफोन का बैकअप कभी गूगल ड्राइव पर लिया है?
  • क्या कभी अपने आईफोन को रिपेयर करने के लिए एपल से पार्ट्स मिले हैं?

इन 5 बातों का जवाब नहीं और सिर्फ नहीं में मिलेगा? आपको यकीन नहीं हो तो अपने किसी ऐसे दोस्त से इन सवालों को पूछें जो आईफोन चला रहे हैं। इसके बाद भी आप अपना पहला आईफोन खरीदने जा रहे हैं, तो आपके लिए ‘बेस्ट ऑफ लक’ कहना तो बनता है।

अपडेटेड आईफोन और सिक्योरिटी के हम आदी हो रहे
‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ के टेक्नोलॉजी कॉलमनिस्ट, जेफ्री ए फाउलर ने बताया कि वे पिछले 12 साल से आईफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। ज्यादातर लोगों की तरह वे भी फोन बदलना नहीं चाहते, लेकिन एपल द्वारा तैयार किए जा रहे आईफोन के आदी हो रहे हैं। कंपनी लगातार आईफोन को एडवांस बना रही है। कंपनी का कहना है कि वो हमारी सिक्योरिटी और प्राइवेसी की रक्षा कर रही है। जबकि आईफोन को लॉक करना भी हमें कंट्रोल कर रहा है। ये सबकुछ एपल का ज्यादा पैसे कमाने के लिए है।

जेफ्री कहते हैं कि आईफोन के ओनर होने के नाते उन्हें इस बात का अधिकार होना चाहिए कि वे उस पर सभी काम कर सकें, लेकिन एपल उन्हें ऐसा नहीं करने देती। इस बात को लेकर उन्होंने दूसरे आईफोन यूजर्स की राय भी मांगी है।

स्टोर्स की मदद से ऐप डेवलपर्स पर दबाव बनाना
इसी सप्ताह एक मामले की सुनवाई में ये साफ हो गया कि कंज्यूमर्स के लिए एपल की अनियमित शक्ति कितनी हानिकारक हो गई है। दरअसल, एपल ने एपिक के वीडियो गेम ‘फोर्टनाइट’ को ऐप स्टोर पर लाने के लिए 30 प्रतिशत कमीशन मांगा है। डेवलपर्स को ये पेमेंट करना भी होगा क्योंकि एपल आईफोन पर ऐप इन्स्टॉलेशन के लिए एकमात्र स्टोर को परमिशन देता है।

एपल को लगता है कि वह भले के लिए हमारे ही हाथों में हथकड़ी लगा रहा है। फोर्टनाइट ट्रायल के दौरान, टिम कुक ने कहा कि एपल आईफोन से कॉम्प्लिकेटेड टेक्नोलॉजी को हटाकर उसके सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर को लोगों के लिए आसान बनाना चाहती है। कंपनी ये भी कहती है कि इसी के चलते ज्यादातर आईफोन ग्राहकों से उसे सेटिस्फाई रेटिंग मिलती है।

सेटिस्फेक्शन रेटिंग के बारे में एपल नहीं बताती
एपल कभी इस बात का जिक्र नहीं करती कि इंडीपेंडेंट अमेरिकन कंज्यूमर सेटिस्फेक्शन इंडेक्स में उसे एंड्रॉयड स्मार्टफोन मेकर सैमसंग से ज्यादा रेटिंग मिली है। यहां एपल को 80 और सैमसंग को 81 का स्कोर मिला है। एपल की तुलना में सैमसंग अपने यूजर्स को दो वॉइस असिस्टेंट की चॉइस देती है। वहीं, कंज्यूमर अलग-अलग एप स्टोर से कोई भी ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। जेफ्री कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि सैमसंग स्मार्टफोन बेहतर है, लेकिन वो उन बातों में आईफोन से बेहतर है जो यूजर्स को रोक देती है।

एपल ने एकाधिकारवादी तरीके से बेसिक प्रोडक्ट्स फंक्शन को भी खत्म करने के लिए सोचने की अनुमति दी है। एपल ने अपनी सर्विसेस जैसे आर्केड, फिटनेस प्लस, टीवी प्लस, आईक्लाउड स्टोरेज से विज्ञापन हटाने के लिए एक वन्स-सिंपल मेनू रखा है, जिसकी मेंबरशिप लेने के बाद ही उसे हटाया जा सकता है। हालांकि, उसने अपने आईक्वाउड फोटो लाइब्रेरी को गूगल फोटोज पर ट्रांसफर करने में ढील दे दी। वहीं, iOS 14.5 हम सीरी को एपल म्यूजिक के बजाय म्यूजिक स्ट्रीमिंग सर्विस स्पॉटिफाई पर गाने सुनने के लिए कह सकते हैं।

सभी स्टोर से ऐप्स और सब्सक्रिप्शन मिल सकें

  • एपल क्या करता है: कंपनी आईफोन पर केवल अपने ऐप स्टोर की अनुमति देती है। यानी आप स्टोर के बिना किसी ऐप को आईफोन पर इन्स्टॉल नहीं कर सकते। इसका मतलब है कि एपल अकेले ही अपना मार्कअप मूल्य निर्धारित करता है। अकेले ही यह तय करता है कि कौन से ऐप की परमिशन मिलेगी या नहीं। इसे लेकर कंपनी कहती है कि वो हर ऐप का रिव्यू करता है, ताकि यूजर की प्राइवेसी और सिक्योरिटी कंट्रोल में रहे।
  • हमें स्वतंत्र क्यों होना चाहिए: एपल का नियंत्रण सचमुच किसी भी व्यक्ति के लिए आईफोन को अधिक महंगा बना देता है। कंपनी ऐप डेवलपर्स को 30 प्रतिशत तक कमीशन लेती है, जिसका असर यूजर पर ही होता है। एपल अब एकतरफा निर्णय भी ले रही है कि ऐप स्टोर में किसे अनुमति दी जानी चाहिए? इससे हर कोई सहमत नहीं है। इसकी तुलना में एंड्रॉयड यूजर के पास गूगल, सैमसंग, अमेजन ऐप स्टोर के साथ दूसरे विकल्प भी मौजूद हैं।

आईमैसेज और फेसटाइम सभी के लिए हो

  • एपल क्या करता है: डिफॉल्ट आईमैसेज चैट ऐप बातचीत को एन्क्रिप्ट करता है और यूजफुल कैपेबिलिटी भी जोड़ता है, लेकिन केवल उन यूजर्स के साथ काम करता है जो एपल डिवाइसेस का इस्तेमाल करते हैं। एंड्रॉइड यूजर्स को भेजे गए संदेश SMS टेक्स्ट में ग्रीन बबल के रूप में आते हैं। 2010 में जॉब्स ने वादा किया था कि एपल फेसटाइम वीडियो को इंडस्ट्री के लिए ओपन बना देगा, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है।
  • एपल को क्यों ओपन करना चाहिए: आईमैसेज और फेसटाइम को सीमित करने से आईफोन का इस्तेमाल भी कम हो जाता है। एपल के कई ग्राहकों के परिवार, दोस्त और काम करने वाले सभी लोग एपल डिवाइस का उपयोग नहीं करते हैं। यहां तक कि आईफोन के मालिक भी विंडोज पीसी पर अपना संदेश नहीं पढ़ सकते हैं।

दो वॉइस असिस्टेंट सिलेक्ट कर सकें

  • एपल क्या करता है: एपल द्वारा तैयार किए गए वॉइस असिस्टेंट सीरी के लिए आईफोन में वेक वर्ड और फिजिकल बटन के उपयोग को सीमित करता है। हम सीरी को डीएक्टिवेट कर सकते हैं, लेकिन इसे केवल गूगल असिस्टेंट के साथ नहीं बदल सकते। वैसे, इसका समाधान बहुत आसान है। सीरी की तरह गूगल असिस्टेंट के लिए एक शॉर्टकट बना सकते हैं। यानी यूजर हाय सीरी या ओके गूगल बोलकर अपना असिस्टेंट चुन सके।
  • एपल को क्यों ओपन करना चाहिए: भले ही सीरी में सुधार हो रहा है। हममें से कई लोगों ने जवाब देखने, खरीदारी करने या अपने स्मार्ट घरों को संचालित करने के लिए एक अलग आवाज की इस सर्विस के साथ एक रिश्ता बना लिया है। जबकि हमारे पास वॉइस असिस्टेंट के बेहतर विकल्प मौजूद हैं। जैसे, सैमसंग भी अपने गैलेक्सी स्मार्टफोन के साथ गूगल के साथ हमोमेड बिक्सबाय ऑफर करता है। हो सकता है कि अभी आईफोन यूजर्स ‘हाय सीरी’ कह रहे हैं, लोकिन उन्हें ‘ओके गूगल’ ज्यादा ठीक लगता हो।

मूवी, ई-बुक्स और अन्य डिजिटल मीडिया भी कहीं से खरीदें

  • एपल क्या करता है: एपल मूवी, ई-बुक्स, म्यूजिक के उन ऐप्स को अप्रूव करता है जो उसके द्वारा तैयार किए गए हैं। एपल अपने यूजर्स के लिए यह सुनिश्चित करता है कि उसके साथ किसी तरह की धोखाधड़ी नहीं होगी।
  • एपल को क्यों ओपन करना चाहिए: आईफोन यूजर्स अमेजन पर 11,000 डॉलर (करीब 8 लाख रुपए) की डोंगी खरीद सकते हैं, लेकिन 10 डॉलर (करीब 700 रुपए) की ई-बुक नहीं। एपल के प्रतिबंध यूजर्स को उन स्टोर्स से दूर कर देते हैं जहां बेहतर प्राइस और सिलेक्शन मिल रहा है। अमेजन के किंडल स्टोर से बुक्स खरीदने के लिए हमें सबसे लोकप्रिय ई-बुक रिटेलर ऐप को छोड़ना पड़ता है।
  • मूवीज के लिए अमेजन अब एपल के वीडियो पार्टनर प्रोग्राम का मेंबर है और उसे सीधे फिल्में बेचने की अनुमति है, लेकिन फैंडैंगो नाउ और वुडू सहित अन्य रिटेलर्स को अभी भी हमें एक रिगमारोल के माध्यम से भेजना है।

अपने डिफॉल्ट ऐप का सिलेक्शन

  • एपल क्या करता है: बीते साल iOS ने आखिरकार हमें अपना मेल और वेब-ब्राउजिंग ऐप सिलेक्ट करने का मौका दे दिया, लेकिन आईफोन अभी भी हमें मैसेजिंग, फोन कॉल्स, कैमरा और मैप्स सहित कुछ अन्य जरूरी कामों के लिए सिस्टम-डिफॉल्ट ऐप्स को सिलेक्ट नहीं करने देता।
  • एपल को क्यों ओपन करना चाहिए: कॉम्पीटिशन के चलते सभी जरूरी कामों से जुड़े ऐप्स अपने-अपने डेवलपर्स को बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। उदाहरण के लिए, विशेष सुविधाओं वाले कैमरा ऐप पहले से ही आईफोन पर सबसे लोकप्रिय डाउनलोड में से हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed