आधी रात पायलट का BJP नेताओं को करारा जवाब:सचिन का ट्वीट- बीजेपी नेता बेकार की बयानबाजी की जगह खुद की हालत देखें, आपसी फूट इतनी हावी है कि विपक्ष की भूमिका नहीं निभा पा रही भाजपा

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बयान पर उनके समर्थन में उतरे भाजपा नेताओं का सियासी दांव उलटा पड़ गया। सचिन पायलट के बयान के बाद दिन में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस पर निशाना साधा था। दोनों नेताओं ने कांग्रेस सरकार बनने में पायलट का योगदान बताया। मंगलवार आधी रात सचिन पायलट ने ट्वीट करके भाजपा को निशाने पर लिया।
सचिन पायलट ने राजेंद्र राठौड़ के ट्वीट के जवाब में लिखा-प्रदेश के भाजपा नेताओं को व्यर्थ बयानबाज़ी की बजाय अपनी स्थिति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। आपसी फूट व अंतर्कलह इतनी हावी है कि राज्य मे भाजपा विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पा रही। इनकी नाकाम नीतियों से देश में उपजे संकट में जनता को अकेला छोड़ने वालों को जनता करारा जवाब देगी।
राठौड़ ने दिन में लिखा- कांग्रेस सरकार बनने में पायलट का योगदान
इससे पहले राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट करके कांग्रेस पर निशाना साधा था। राठौड़ ने लिखा था- आखिर मन का दर्द होठों पर आ ही गया। ये चिंगारी कब बारूद बनकर फूटेगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाने में तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट जी ने अहम भूमिका निभाई थी। सुलह कमेटी के पास मुद्दे अब भी अनसुलझे ही हैं।ना जाने कब क्या हो जाए।
आधी रात ट्वीट करके बीजेपी नेताओं को लताड़ने के पीछे रणनीतिक वजह
सचिन पायलट ने खुद के समर्थन में ट्वीट करने वाले उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को आधी रात को जवाबी ट्वीट के जरिए नसीहत दी और बीजेपी को उनके मामले में पड़ने की जगह अपना घर संभालने की नसीहत दे दी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सचिन पायलट खुद पर भाजपा के समर्थन या बीजेपी नेताओं से मिलीभगत का टैग नहीं लगाना चाहते।
राठौड़ और पूनिया ने राजस्थान मेें कांग्रेस सरकार लाने में पायलट का रोल बताया। इस बयान के आधार पर विरोधी खेमा भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगा सकता था। इन सब कारणों के चलते पायलट ने आधी रात को देरी से ही सही लेकिन भाजपा नेताओं को करारा जवाब दिया। हालांकि, जब तक पायलट ने जवाब दिया तब तक इस मुद्दे पर खूब सियासी चर्चा हो चुकी।
पायलट ने विधानसभा में भी इसी अंदाज में दिया था भाजपा को जवाब
सचिन पायलट ने बगावत के बाद हुई सुलह के बाद विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव पर बहस वाले दिन 14 अगस्त 2020 को भी इसी अंदाज में भाजपा नेताओं को जवाब दिया था। उस वक्त भाजपा नेताओं ने सचिन पायलट और उनके समर्थग्कों की अनदेखी और पायलट की सीट आगे से हटाकर कॉर्नर साइड करने पर कांग्रस पर तंज कसा था। तब पायलट ने बीच में दखल देते हुए कहा था- मेरी सीट बॉर्डर पर की गई है, बॉर्डर पर उसे भेजा जाता है जो सबसे मजबूत हो। हमें हमारा मर्ज जिस डॉक्टर को दिखाना था उसे दिखा दिया है, बीजेपी इसकी चिंता न करे तो ही ठीक है।
पायलट के मिडनाइट-रिप्लाई की सियासी हलकों में चर्चाएं
सचिन पायलट के आधी रात को ट्वीट करके जवाब देने की सियासी हलकों में चर्चाएं हैं। पायलट ने करीब साढ़े छह घंटे बाद राठौड़ के ट्वीट पर जवाब दिया। इतनी देरी से जवाब देने पर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, पायलट सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर काफी सक्रिय रहते हैं। पायलट के बारे में मैनस्ट्रीम मीडिया कवरेज, बयान और उनसे संबंधित कमेंट्स की मॉनिटरिंग और रेस्पोंस के लिए भी प्रोफेशनल टीम है, ऐसे में इतने अहम मामले में देरी से दी गए जवाब के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।