नोएडा: किसलय और राममणि पांडेय के ‘खजाने’ में चोरों ने साफ किया था हाथ, सबसे हैरान करने वाली है ये बात
नोएडा: ग्रेटर नोएडा के डेल्टा-1 स्थित सिल्वर सिटी के बंद फ्लैट से चोरी किया गया करीब 40 किलोग्राम सोना और 6.5 करोड़ रुपये किसलय पांडेय और उसके पिता राममणि पांडेय के थे. पुलिस अधिकारियों की मानें तो फाइनेंस कंपनियों के शेयर खरीदकर पिता-पुत्र ने करोड़ों की उगाही की है. जिसके बाद इनके खिलाफ कई मामले दिल्ली-एनसीआर में दर्ज हैं. जिसमे सीबीआई से लेकर दिल्ली और गुरुग्राम पुलिस जांच कर रही है.
करते थे छोटे-मोटे काम
वहीं, सिल्वर सिटी सोसायटी के फ्लैट से चोरी के बाद आरोपियों बदली लाइफ स्टाइल सलारपुर गांव और उनके रिश्तेदारों में चर्चा का विषय बनी हुई है. चोरी से पहले यहां रहने वाले तीनों आरोपी 2-4 हजार के छोटे-मोटे काम किया करते थे, लेकिन चोरी के बाद एकदम से पैसा आया तो रहन सहन बदल गया. महंगी गाड़ियों से घूमना और फाइव स्टार होटलों में खाना इनका शौक बन गया.
पुलिस को है तलाश
नोएडा पुलिस की मानें तो जिस घर में चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया था वो घर जांच में राममणि पांडेय और किसलय पांडेय का निकला. दोनों पिता-पुत्र हैं. अगर राममणि पांडेय की बात करें तो उसपर साल 2002 से लेकर अब तक लगभग एक दर्जन आपराधिक मामले दर्द हैं जिसमें वो जेल भी जा चुका है. वहीं, कुछ मामलों की जांच सीबीआई कर रही है. इसके अलावा बेटे किसलय पांडेय की बात करें तो उस पर भी करीब आधा दर्जन अपराधिक मामले दर्ज हैं. पिता-पुत्र कई मामलों में वांछित चल रहे हैं, जिनकी तलाश में पुलिस टीमें लगी हुई हैं.
भाग गए विदेश
नोएडा पुलिस की जांच में पता चला है कि राममणि और उसका बेटा किसलय चीटिंग, फ्रॉड और लोगों को धमकी देने का काम करते थे. साल 2019 में इंडिया बुल्स कंपनी के मैनेजर को धमकाने के आरोप में राममणि पांडेय 11 महीने जेल भी काट चुका है. पुलिस के अनुसार पिता-पुत्र इतने बेखौफ हैं कि एक के बाद एक अपराधिक मामलों में इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होती रही लेकिन ये दोनों अपने कारनामों से बाज नहीं आए. लेकिन, जब इनपर शिकंजा कसना शुरू हुआ तो ये लोग देश छोड़कर विदेश भाग गए.
इनकम टैक्स और ईडी ने शुरू की जांच
फिलहाल नोएडा पुलिस ने इनकम टैक्स और ईडी को भी इसकी जानकारी दे दी है. दोनों विभागों ने भी अपनी जांच शुरू कर दी है. इस जांच के बाद ही पता चलेगा कि बाप-बेटे ने कितना काला धन इकट्ठा कर रखा है और इन्होंने कितने लोगों के साथ फ्रॉड, धोखाधड़ी और धमकाने जैसे कारनामे किए हैं.
रहन-सहन में हुआ बदलाव
अगर हम उस गैंग की बात करें जिसने चोरी की वारदात को अंजाम दिया है तो इस गैंग के अधिकांश सदस्यों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. ये शायद उनकी पहली चोरी थी. यही वजह है कि 10 से 15000 की नौकरी करने वाले सलारपुर निवासी जय सिंह, बिंटू, नीरज और राजन के पास जब करोड़ों रुपए आए तो इनके रहन-सहन में भी तेजी से बदलाव देखने को मिला. महंगी गाड़ियों से घूमना, होटलों में खाना खाना, महंगे जूते और कपड़े पहनना इनका शौक बन गया.
हैरान थे ग्रामीण
ग्रामीण भी इस बात से हैरत में थे कि आखिरकार 10 से 15000 की नौकरी करने वाले लोग अचानक से लाखों रुपए कैसे खर्च कर रहे हैं. लेकिन, जब नोएडा पुलिस ने खुलासा किया और इन्हें गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा तो ग्रामीण भी दंग रह गए. उनका कहना था कि इस इस खुलासे से वो भी हैरान हैं. उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि ये लोग इस तरह के होंगे और इतनी बड़ी चोरी की वारदात को अंजाम देंगे लेकिन जब उनके महंगे शौक देखें तो शक जरूर हुआ था.
पुलिस खंगाल रही है इतिहास
नोएडा पुलिस अब इस गैंग के फरार 4 सदस्यों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है ताकि उन्हें गिरफ्तार कर उनके कब्जे से बकाया सोना और नकदी बरामद कि जा सके. वहीं, किसलय पांडेय और उसके पिता राममणि पांडेय का भी इतिहास खंगाल रही है ताकि ये पता किया जा सके उन्होंने अब तक किस कस तरह की वारदातों को अंजाम दिया है.