सरकार कोई भी हो, कमेटियों का हश्र वही:30 लाख बेरोजगारों और 4 लाख संविदाकर्मियों को लेकर बनी कमेटियों की रिपोर्ट अब तक नहीं आई

राजस्थान में चल रही सियासी खींचतान के बीच कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा ने मंगलवार को कहा था- मेरा 50 साल का अनुभव कहता है कि सियासी कमेटियां तो मामले को ठंडे बस्ते में डालने के लिए ही बनाई जाती हैं। उनका ये बयान न सिर्फ सियासी दलों बल्कि सरकारों पर भी सटीक बैठता है। सरकारें भी कमेटियां बनाकर कई मुद्दों को ठंडे बस्ते में डालती रही हैं। दैनिक भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि प्रदेश के 30 लाख से अधिक बेरोजगारों, 4 लाख संविदाकर्मियों और 7 लाख सरकारी कर्मियों को कमेटियों की रिपोर्ट का इंतजार है।
भाजपा; कार्यकाल गया, रिपोर्ट नहीं आई
तत्कालीन भाजपा सरकार ने 2 जनवरी 2014 को संविदाकर्मियों और सरकारी कर्मचारियाें की समस्याओं के निराकरण के लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। इसमें तत्कालीन कैबिनेट मंत्री राजेंद्र राठौड़ को अध्यक्ष बनाया गया था। तत्कालीन कैबिनेट मंत्री यूनुस खान, अजय को सदस्य बनाया गया था। सरकार का कार्यकाल बीत गया, पर कोई रिपोर्ट नहीं आई।
कांग्रेस; 8 बैठकें हुईं, नतीजा सिफर
चुनावी वादे निभाते हुए कांग्रेस ने संविदाकर्मियों की समस्याएं निपटाने की कोशिश की। 1 जनवरी 2019 को ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी बनाई। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा, महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश व खेल मंत्री अशोक चांदना को सदस्य बनाया। अब तक 8 बैठकें कर लीं, लेकिन रिपोर्ट का अता-पता ही नहीं है।
संविदा कर्मियों का डेटा भी नहीं जुटा पाई कमेटी
संविदा कर्मियों की समस्याओं के निराकरण के लिए गठित कमेटी ढाई साल में अलग-अलग विभागों में काम कर रहे संविदा कर्मियों का डेटा भी नहीं जुटा पाई। कमेटी ने विभागों को पत्र लिखकर में संविदा कर्मियों की डिटेल मांगी थी। अभी तक बहुत से विभाग ऐसे हैं जिन्होंने कमेटी को रिपोर्ट ही नहीं भेजी।
कांग्रेस ने चुनाव से पहले संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था। कमेटी की कई बैठकों के बाद भी नतीजा नहीं निकलने से संविदाकर्मी निराश है। सरकार को इस मामले पर ध्यान देना चाहिए।
– गजेंद्र सिंह राठौड़, प्रदेशाध्यक्ष, अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत
सरकार कमेटी को निर्देश दे कि जल्दी से जल्दी बैठक कर अपनी रिपोर्ट सौंपे। क्योंकि प्रदेश के लाखों संविदाकर्मी कमेटी का रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
– विपिन प्रकाश शर्मा, प्रदेश महामंत्री, इंडियन पब्लिक सर्विस एंप्लाइज फेडरेशन
बेरोजगारों ने महापड़ाव किया तो कमेटी बनाकर एक बैठक की और भूल गए
- जयपुर में बेरोजगारों के महापड़ाव के चलते सरकार पर दबाव बना तो 23 फरवरी 2021 को कमेटी बना दी गई।
- इसमें ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला को अध्यक्ष बनाया।
- स्टेट मोटर गैराज मंत्री राजेंद्र यादव, तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉक्टर सुभाष गर्ग कमेटी के सदस्य बनाए गए।
- गठन के बाद 2 मार्च को कमेटी की पहली बैठक हुई। इसके बाद कोई बैठक नहीं हुई।
- पहली बैठक में कल्ला ने आगामी बैठक से पूर्व रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
- मगर दूसरी बैठक कब होगी, ये अभी तक तय नहीं हो पाया है।
भर्तियां समयबद्ध करने को 1 माह में ही देनी थी रिपोर्ट, दो माह में भी नहीं दी
- भर्तियों के समयबद्ध आयोजन के लिए गठित कमेटी खुद ही रिपोर्ट तैयार करने में देरी से काम कर रही है।
- सरकार ने भर्तियां समयबद्ध करने, साक्षात्कार सहित सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया के सुदृढ़ीकरण के लिए आरपीएससी के पूर्व अध्यक्ष एमएल कुमावत की अध्यक्षता में 10 अप्रैल 2021 को कमेटी बनाई थी।
- कमेटी की पहली बैठक 13 अप्रैल को हुई। इसके बाद दो महीने से अधिक बीत चुके हैं ना तो कोई बैठक हुई और ना ही मामला आगे बढ़ा। जबकि कमेटी को एक महीने में रिपोर्ट पेश करनी थी।