Fri. Nov 22nd, 2024

योग से निरोगी तन-मन और संगीत से मिलती है शांति

DJL¹FFZ¦F AF`S ÀFÔ¦Fe°F IYe ´FiZ¸Fe ¸FFÔ ¶FZMXe ³FZ d½FV½F ÀFÔ¦Fe°F dQ½FÀF AF`S d½FV½F ¹FFZ¦F dQ½FÀF IYFZ ´Fì½FÊ ÀFÔ²¹FF ´FS EIY ÀFF±F ¸F³FF¹FFÜ ¹FFZ¦F IYS SWe ¸FFÔ ÀF´F³FF ¸FZW°FF IZY CX´FS ¶FZNX IYS d¦FMXFS ¶FªFF°FZ ¶FZMXe ªFe½FF ¸FZW°FFÜ ´Fi½Fe¯F QedÃF°F

भोपाल । संगीत और योग एक-दूसरे से पूरक हैं। संगीत एक ऐसी विधा है, जो प्रत्येक मनुष्य के साथ प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई है। नाद ब्रह्म संगीत का उद्गम है। योग गुरुओं का मानना है कि संगीत से जो नाद ध्वनि उत्पन्न् हो रही है, वह मन को चेतना की गहराइयों में ले जाता है। संगीत में स्वरों की शुद्धता पर जोर दिया जाता है, जबकि योग शास्त्र में आसन व मुद्राओं पर जोर दिया जाता है। दोनों में स्वर और मुद्रा की उत्कृष्ठता से ही आनंद एवं स्वास्थ्य का लक्ष्य पाया जा सकता है। इस दृष्टि से देखा जाए तो दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और विश्व संगीत दिवस पर राजधानी के योग साधकों ने बताया कि योग से निरोगी तन-मन और संगीत से मन की शांति मिलती है। संगीत व योग दोनों से एकाग्रता बढ़ती है International Yoga Day 2021: योग शाहीन को तलाक के अवसाद से वापस जीवन में लौटा लाया International Yoga Day 2021: योग शाहीन को तलाक के अवसाद से वापस जीवन में लौटा लाया यह भी पढ़ें योग साधकों का मानना है कि स्वरों की उपासना, रियाज, शास्त्रशुद्ध पद्धति के द्वारा नाद ब्रह्म की आराधना कर अंतर्मन में गहराई तक उतारना संगीत का मुख्य लक्ष्य है, इसलिए संगीत व अध्यात्म एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। संगीत में रियाज के लिए एकाग्रता की आवश्यकता होती है। योग जहां हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक है, वहीं मन-मस्तिष्क की एकाग्रता पाने में भी यह अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होता है। International Yoga Day 2021: सीएम शिवराज सिंह चौहान भोपाल में योग कार्यक्रम में हुए शामिल International Yoga Day 2021: सीएम शिवराज सिंह चौहान भोपाल में योग कार्यक्रम में हुए शामिल यह भी पढ़ें संगीत और योग एक-दूसरे से पूरक हैं। ध्यान के लिए योग किया जाता है। वहीं, संगीत भी ध्यान की ओर ले जाता है। योग व संगीत दोनों ही हमें अध्यात्म की ओर ले जाते हैं। दोनों ही एकाग्रता में वृद्धि करती है। चाहे विद्यार्थी हो या कामकाजी व्यक्ति एकाग्रता सभी के लिए जरूरी है। आज हर इंसान को मानसिक शांति की आवश्यकता है। योग व संगीत से मानसिक और आत्मिक शांति पाई जा सकती है। Bhopal Crime News: हैदराबाद की किशोरी से बिलखिरिया में दुष्कर्म, आरोपित फरार Bhopal Crime News: हैदराबाद की किशोरी से बिलखिरिया में दुष्कर्म, आरोपित फरार यह भी पढ़ें -डॉ. साधना दौनेरिया, विभागाध्यक्ष, बरकतउल्ला विवि संगीत के माध्यम से अगर ध्यान करते हैं तो मन की शांति मिलती है। हम योग में ओंकार करते हैं। इससे हमारे मन की आत्मिक शांति मिलती है। तभी तो हम चिड़ियों के चहकने की आवाज, मंदिर के घंटियों की आवाज, शंख नाद, पानी बहने की आवाज सुनते हैं। इससे हम प्रकृति के करीब होते हैं। इसी तरह योग व संगीत से अध्यात्म को पाया जा सकता है। योग सौ फीसद प्रवाह की चीज है। आकांक्षा शर्मा, योगाचार्य संगीत से जो नाद ध्वनि उत्पन्न हुई है, उसे ही नाद योग कहते हैं। नाद का मतलब है चेतना का प्रवाह और इसका समान अर्थ ध्वनि है। नादयोग से मन की गहराइयों तक ध्वनि के माध्यम से पहुंचा जाता है।

टीकाकरण महाअभियान आज, भोपाल में 800 केंद्रों पर डेढ़ लाख लोगों को लगेगा जिंदगी का टीका यह भी पढ़ें संगीत भी एक प्रकार का योग है। आज के दौर में मानसिक शांति के लिए ध्यान बहुत जरूरी है। अभी कोरोना काल में योग व संगीत का महत्व बढ़ा है। संगीत को सुनना या रियाज करना भी योग की क्रियाएं हैं। योग से स्वास्थ्य अच्छा रहता है तो संगीत से मन की शांति मिलती है।

-शैलेंद्र कुमार नायक, योग विशेषज्ञ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *