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रफ्तार रुकी:कोरोना के लिए डेढ़ हजार करोड़ रुपए बचाने नवा रायपुर में काम ठप, इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे लाइन और निजी प्रोजेक्ट भी बंद

पिछले एक दशक में पहली बार ऐसा हुआ है, जब देशभर में मॉडल के रूप में प्रचारित नवा रायपुर का काम पूरी तरह ठप हो गया है। शासन ने तीन माह पहले यानी 26 अप्रैल को लॉकडाउन के साथ ही नवा रायपुर में निर्माण रोकने का फैसला इसलिए लिया ताकि कोरोना से लड़ने की व्यवस्था के लिए 1497 करोड़ (करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपए) बचाए जा सकें। लेकिन जैसे ही नवा रायपुर में राजभवन, सीएम हाउस, मंत्री बंगले, सर्किट हाउस और अफसर बंगलों का काम रोका गया, पूरे शहर के बाकी काम भी ठप हो गए। वहां डाली जा रही रेलवे लाइन और स्टेशन का काम रुक गया है।

बसाहट में देरी के अंदेशे से प्रदेश में रियल एस्टेट के 5 बड़े प्लेयर्स ने अपने प्रोजेक्ट रोक दिए हैं। विधानसभा का 250 करोड़ का टेंडर रद्द कर दिया गया है। यही नहीं, इनकी वजह से सड़क, पानी और बिजली जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के जरूरी काम भी रुक गए हैं। यही नहीं, बड़ा मसला यह आ गया है कि ठेकेदारों ने अब तक हुए काम के एवज में 70 करोड़ रुपए का पेमेंट मांगा तो एनआरडीए ने फंड की कमी बताकर हाथ उठा दिए हैं। जानकारों के मुताबिक निर्माण चालू करने का फैसला भी होता है तो कई एग्रीमेंट रद्द करने और नए टेंडर की प्रक्रिया में नवा रायपुर का विकास कम से कम एक साल और ठप रहने वाला है।

नवा रायपुर में अभी मंत्रालयीन कर्मचारियों को मिलाकर 5 हजार परिवार रह रहे हैं। इनके लिए बुनियादी सुविधाएं जरूरी हैं, लेकिन सड़क, सीवरेज, पानी, बिजली के कम इसलिए बंद हैं क्योंकि एनआरडीए के पास पैसे नहीं हैं, और शासन से इसके लिए दिया जाने वाले 24 करोड़ रुपए भी रोक दिए गए हैं।

भास्कर की पड़ताल के मुताबिक मंत्रालय (महानदी) व एचओडी बिल्डिंग (इंद्रावती) समेत सरकारी इमारतों के मेंटेनेंस पर सालाना होने वाला लगभग 34 करोड़ रुपए का भुगतान भी अटका हुआ है। एनआरडीए संबंधित ठेका एजेंसियों को पेमेंट नहीं कर पा रहा है, इसलिए ठेकेदारों ने भी काम रोक दिया है।

रेललाइन-स्टेशन भी बेमुद्दत लेट
नवा रायपुर को रेल नेटवर्क से जोड़ने वाला प्रोजेक्ट अलग-अलग कारणों से लेेट हो रहा है। यहां रेललाइन बिछाकर चार स्टेशन बनाने की पहली डेडलाइन 2019-20 तय हुई थी। फिर इसे बढ़ाकर 2020-21 किया गया। लेकिन हालत ये है कि नवा रायपुर में चार तो क्या, अब तक एक भी स्टेशन नहीं बना है। नए शहर के इंट्री प्वाइंट पर अटल नगर स्टेशन का काम भी सात महीने से बंद है। रेलवे लाइन 20 किमी बिछाई जानी है, लेकिन बमुश्किल 5 किमी ही बिछाई जा सकी। स्टेशन एनआरडीए को बनाना है पर उसके पस फंड ही नहीं है।

प्रोजेक्ट रुकने से खर्च बढ़ेगा
नवा रायपुर में सरकारी निवास और बंगलों का करीब 550 करोड़ और स्टेशन का 90 करोड़ का काम रुका है। इसमें से अधिकांश काम शुरू हो चुका था। प्रोजेक्ट एक साल लेट हुआ तो लागत 10 प्रतिशत तक बढ़ने की आशंका है। ऐसे में काम दोबारा चालू हुआ और डेडलाइन साल-डेढ़ साल आगे बढ़ी तो पीडब्लूडी और एनआरडीए को रुके हुए इन्हीं कार्यों के लिए 50 से 60 करोड़ रुपए तक का भुगतान अतिरिक्त करना होगा।

यह बड़े प्रोजेक्ट जो रुके हुए

  • 12.60 एकड़ में राजभवन
  • 3.19 एकड़ में स्पीकर हाउस
  • 7.5 एकड़ में सीएम हाउस
  • 85 आफिसर्स बंगले भी
  • 51 एकड़ में विधानसभा
  • 90 एकड़ एमएलए रेस्टहाउस
  • 1.50 एकड़ में मंत्री बंगले
  • 836.99 करोड़ रु. कुल लागत

बसाहट की प्लानिंग को झटका
राजभवन, सीएम हाउस और बाकी सरकारी भवन सेक्टर 24 में बन रहे हैं। इस वजह से इसके आसपास के प्लाट भी बिके और निजी सेक्टर भी इसी सेक्टर के आसपास सक्रिय हो गया। सरकारी काम बंद होने के तुरंत बाद निजी सेक्टर ने अपने प्रोजेक्ट रोके। इसकी जानकारी मिलते ही लोगों ने यहां प्लाट और प्रापर्टी में निवेश का प्लान भी आगे बढ़ा दिया है।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट भी ठप
नवा रायपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में के लिए 200 करोड़ जारी हुए और लॉकडाउन लग गया। स्मार्ट सिटी का फंडा यह है कि जितनी राशि केंद्र से आई, राज्य को भी उतनी राशि खर्च करनी होगी। राज्य से फंड रिलीज नहीं हुआ, इसलिए पहली किश्त भी खर्च नहीं हो पाई है। इससे समस्या यह आ गई है कि जब तक पहली किश्त खर्च नहीं होती, केंद्र से दूसरी किश्त नहीं मिलेगी।

काम ठप होने से सरकार बेचैन, बारिश के बाद नए टेंडर, निर्णय आज-कल में

नवा रायपुर में निर्माणाधीन राजभवन, मुख्यमंत्री निवास और मंत्रियों-अफसरों की आवासीय परियोजनाओं का काम रुकने की वजह से बाकी काम ठप होने की खबरों ने शासन को भी बेचैन कर दिया है। सीएम भूपेश बघेल इस मामले में नई रणनीति में जुटे हैं और 1 जुलाई को इसकी घोषणा की जा सकती है। इधर, पीडब्लूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू मंगलवार को विभाग की रिव्यू बैठक में नवा रायपुर में रुके कार्यों की समीक्षा कर सकते हैं, ताकि इन्हें फिर से चालू किया जा सके।

विकास ठप नहीं है फंड का इंतजार

  • विकास ठप नहीं है, लेकिन कोविड की वजह से सारे निर्माण प्रोजेक्ट बंद किए गए हैं। हालांकि एनआरडीए के पास फंड भी नहीं है। ऐसे में कोई पेमेंट तब तक नहीं हो पाएगा, जब तक कि हमारे पास फंड नहीं आ जाता। निर्माण एजेंसियों को बुलाकर बात करेंगे। – अयाज तंबोली, सीईओ-एनआरडीए

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