जबलपुर 11 साल बाद जून में सबसे कम तपा:7 साल बाद जून में सबसे अधिक बारिश हुई, औसत से 11 मिमी रह गए पीछे, अब उमस वाली गर्मी से हाल-बेहाल
मानसून इस बार जून में मेहरबान रहा तो लोगों को गर्मी से भी राहत मिली। 11 साल बाद ऐसा हुआ, जब जून में तपन कम रहा। वहीं 7 साल बाद औसत बारिश के नजदीक पहुंचे। मानसूनी सिस्टम प्रभावी नहीं होने से चार दिनों से उमस ने लोगों को बेहाल कर रखा है।
मौसम विभाग के मुताबिक इस बार जून में पूरे महीने अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस से ऊपर नहीं पहुंचा। पूरे महीने हल्के बादल रुक-रुक कर मंडराते रहे। मानसून ने भी इस बार समय पर दस्तक दी। जबलपुर में अमूमन 15 जून तक मानसून आने का समय है, इस बार 14 को ही आ गया था। पूरे महीने 15 दिन से अधिक बारिश हुई। जिले में 30 जून तक कुल बारिश 167.4 मिमी रिकॉर्ड हुई। जबकि जिले में औसत बारिश 178.6 मिमी के लगभग है। वर्ष 2014 में 164.3 मिमी बारिश हुई थी। तब से हर साल जून में कम बारिश होती रही।
किसानों के लिए दलहन और धान का रोपा लगाने का अवसर
कृषि विभाग के मुताबिक औसत के करीब बारिश होने से जिले में दलहन, मक्का, अरहर, उड़द, मूंग व सोयाबीन की बुआई करने के साथ धान का रोपा किसान लगा सकते हैं। कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर वीके सिंह के मुताबिक खेतों में पर्याप्त नमी है। चार दिनों से बारिश नहीं हुई है, जो अंकुरण के लिए बेहतर है।
उमस से हाल बेहाल, लोकल बादल से उम्मीद
बारिश का सिस्टम कमजोर पड़ने से धूप तीखी हो रही है। इससे उमस बढ़ गई है। दिन में उसम और गर्मी से लोगों का हाल बेहाल हो गया है। गुरुवार को भी आसमान साफ होने से सुबह से ही तेज धूप निकल आई है। मौसम विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक सहायक देवेंद्र कुमार तिवारी के मुताबिक वर्तमान में मानसूनी सिस्टम कमजोर पड़ गया है। स्थानीय बादलों से ही छिटपुट बारिश हो सकती है। 1 जुलाई गुरुवार को भी कहीं-कहीं संभाग में बारिश या गरज-चमक के साथ बौछार पड़ सकती है।
वर्ष | बारिश मिमी में | अधिकतम तापमान डिग्री सेल्सियस में |
2021 | 167.4 | 39.0 |
2020 | 101.9 | 39.2 |
2019 | 56.4 | 45.8 |
2018 | 85.2 | 42.8 |
2017 | 116.9 | 43.6 |
2016 | 95.0 | 43.0 |
2015 | 80.8 | 42.7 |
2014 | 164.3 | 45.7 |
2013 | 452.7 | 42.1 |
2012 | 168.0 | 45.2 |