ग्वालियर। एयरफोर्स के LAC कर्मचारी को मोबाइल सिम के KYC अपडेट की कीमत 1.03 लाख रुपए चुकानी पड़ी है। BSNL का अधिकारी बनकर ठग ने उनसे बात की और एनीडेस्क एप डाउनलोड कराया। इसके बाद 10 रुपए का स्मॉल रिचार्ज नेट बैंकिंग से करने को कहा। वायुसेना कर्मी के इतना करते ही ठग उनके मोबाइल को ऑपरेट करने लगे। पहले 50-50 हजार के दो ट्रांजेक्शन किए फिर 1800 और 2000 रुपए के दो ट्रांजेक्शन कर दिए।

जब तक वह ठगी होना समझ पाए रुपए निकल चुके थे। घटना 11 से 13 जून 2021 की है। मामले की शिकायत पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की महाराजपुरा ब्रांच में की फिर क्राइम ब्रांच में की है। पुलिस ने गुरूवार रात को पूरी विवेचना के बाद इस मामले में धोखाधड़ी की FIR दर्ज की है।

तमिलनाडू के तिरूवन्नामलाई निवासी 31 वर्षीय अयप्पन बी महाराजपुरा वायुसेना में LAC के पद पर कार्यरत है। वह वर्तमान में आदित्यपुरम में रहते हैं। उन्होंने बताया कि 11 जून को उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया। जिसमें सिम कार्ड के वैरीफिकेशन कराने के लिए चेतावनी दी गई थी। कहा गया था कि वैरीफिकेशन नहीं होने पर 24 घंटे बाद बाद सिम ब्लॉक हो जाएगी। साथ ही एक कस्टमर केयर का नंबर दिया गया। मैसेज देखकर वह सकपका गए। उन्होनें कस्टमर केयर पर फोन लगा दिया। सामने से एक व्यक्ति ने फोन उठाया। उसने कहा कि वह BSNL का अधिकारी है। फिर बोला कि आपके नंबर पर KYC क्लीयर नहीं है। इसलिए कुछ दस्तावेज चाहिए। अयप्पन बी ने कहा कि क्या दस्तावेज लगेंगे। तब वह बोला कि एनीडेस्क एप डाउनलोड कर लो। उसकी बात मानकर एप डाउनलोड कर लिया। फिर एक नंबर आया तो उसे बता दिया। फिर उससे कहा कि इंटरनेट बैकिंग के माध्यम से 10 रुपए का स्मॉल रिचार्ज अपने ही नंबर पर करने के लिए कहा। उसके कहे अनुसार अयप्पन बी ने वो भी कर दिया। इसके बाद उसके खाते से पैसे कटना शुरू हो गए। इस तरह 1 लाख 3 हजार 800 रुपए का चूना लग गया।

चार बार में हड़प ली रकम

  • ठग ने पहली और दूसरी बार 50-50 हजार रुपए के दो ट्रांजेक्शन किए। तीसरी बार में उसने 1800 रुपए का ट्रांजेक्शन किया। दो दिन बाद 13 जून को 2 हजार रुपए निकाल लिए। ठगी का पता चलने पर वह महाराजपुरा स्थित SBI ब्रांच मे जाकर खाता ब्लॉक कराया।

एनीडेस्क एप डाउनलोड करने से बचें

  • कुछ समय पहले राज्य साइबर पुलिस ने भी अलर्ट जारी किया था कि किसी के कहने पर एनीडेस्क एप डाउनलोड न करें। सबसे ज्यादा ठगी इसी एप के माध्यम से होती है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ है। 10 रुपए का स्मॉल रिचार्ज कराकर ठगों ने पासवर्ड देख लिया और फिर उसके बाद एप के माध्यम से उसके मोबाइल को ऑपरेट कर ठगी की वारदात को अंजाम दिया।