बारिश का ब्रेक:11 साल में सबसे सूखा जुलाई, 16 दिन में सिर्फ 2 दिन बारिश, इससे पहले 2015 में 12 दिन नहीं हुई थी जुलाई में बारिश
मौसम की बेरुखी अब रिकॉर्ड बनाने लगी है। इस साल का जुलाई पिछले 11 साल के मुकाबले सर्वाधिक सूखा रहा है। इस महीने के 16 दिन में से सिर्फ दो दिन बारिश हुई, यानी बाकी के 14 दिन सूखे ही निकले हैं। 2011 से अब तक के सालों का आकलन करें तो पता चलता है कि सिर्फ 2015 में ही जुलाई के 12 दिन सूखे बीते थे। यानी इन बीते 11 साल में कभी भी जुलाई इतना सूखा नहीं बीता है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो इसका कारण है बारिश का ब्रेक, जोकि अभी दो-तीन दिन और बना रहेगा। यानी फिलहाल बारिश के आसार नहीं हैं।
क्या है मानसून ब्रेक… द्रोणिका का पहाड़ों में जाना और वहीं बारिश कराना
- मानसून का ब्रेक वह स्थिति है जब मानसून द्रोणिका फुटहिल्स (पहाड़ों) में चला जाती है। सामान्य स्थिति में द्रोणिका राजस्थान से महाराष्ट्र और इलाहाबाद होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जाती है। जब ये नीचे जाए तो वह दक्षिण की ओर हो जाती है।
- अगर द्रोणिका फुट हिल्स में चली जाए यानी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश का ऊपरी हिस्सा और नेपाल की तराई में चली जाती है फिर उसी हिस्से में बारिश होती है। इसी स्थिति को मानसून ब्रेक कहते हैं।
- अभी द्रोणिका गुजरात से महाराष्ट्र और छत्तीसगंढ होेते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी है। ऐसे में यह मानसून ब्रेक तो नहीं है। लेकिन करीब एक हफ्ते से बारिश नहीं हुई है। अभी दो-तीन दिन और बारिश के आसार नहीं है। ऐसे में इसे बारिश का ब्रेक कहा जा सकता है।
दो-तीन दिन बाद मानसून के फिर सक्रिय होने के आसार
मप्र में दो-तीन दिन बाद मानसून फिर सक्रिय होने के आसार हैं। डॉपलर राडार इंचार्ज वेद प्रकाश के मुताबिक दो-तीन दिन बाद भोपाल, होशंगाबाद, इंदौर और सागर संभाग के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। 20 जुलाई से प्रदेश के ज्यादातर हिस्से में बारिश होने की संभावना है।
इसकी ये तीन वजह
- महाराष्ट्र के पश्चिमी हिस्से में ट्रफ लाइन और चक्रवाती हवा का घेरा बन रहा है।
- महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच विंड शियर जोन बनेगा।
- 20 या 21 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना।
जून के 18 में से 9 दिन हुई बारिश…
जुलाई के मुकाबले जून में बारिश की स्थिति ठीक रही थी। मानसून 13 जून को आया था। ऐसे में जून के बाकी बचे 18 दिन में से 9 दिन शहर में बारिश हुई, जबकि बाकी के 9 दिन जून के भी सूखे ही बीते थे। बाकी पिछले 11 साल में जून महीने में सबसे ज्यादा सात दिन बारिश 2016 में हुई थी। इसमें भी रोचक बात ये है कि तब मानसून 20 जून को आया था। तब जून के 10 में से सात दिन बारिश हुई थी।