19 हजार पटवारी नाराज, शासन के अधिकृत वाट्सएप ग्रुप छोड़े
भोपाल। प्रदेश के 19 हजार से अधिक पटवारियों ने शासन के अधिकृत वाट्सएप ग्रुप छोड़ दिए हैं। केवल राजस्व के काम ही कर रहे है। बाकी के कोरोना संक्रमण में ड्यूटी व अन्य कामों का बहिष्कार कर दिया है। इन्होंने 10 अगस्त से तीन दिन तक कलम बंद हड़ताल और फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है। इसकी पुष्टि पटवारी संघ के हेमंत घोष, पूर्व अध्यक्ष प्रकाश माली व अन्य ने की है। ये मांगे लंबित होने के कारण नाराज हैं। पटवारियों द्वारा दूसरे कामों के बहिष्कार के कारण मैदानी स्तर पर आम जनता परेशान हो रही है, क्योंकि पटवारियों के पास अभी कई तरह की शासकीय योजनाओं से जुड़े काम हैं जो कोरोना संक्रमण कम होने के बाद बढ़ गए हैं। लोगों के राशन कार्ड नहीं बन पा रहे हैं क्योंकि राशन कार्ड बनाने के लिए जो सर्वे होता है उसमें पटवारियों की मौजूदगी भी जूरूरी होती है। इस तरह कई काम प्रभावित हैं। इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है। यदि पटवारी चेतावनी के अनुरूप काम बंद करते हैं और तीसरी लहर आती है तो स्थिति बिगड़ भी सकती है।
पटवारियों के विरोध की वजह – नए पटवारियों की भर्ती अलग-अलग जिलों में हुई हैं। मतलब गृह जिले में भर्ती नहीं हुई है। नए जिले में जाकर जमीनी मामलों से जुड़े काम करना इनके लिए मुश्किल हो रहा है। भौतिक स्थिति समझने में ही समय लग रहा है। जमीन स्तर पर संपर्क भी कम है। जबकि गृह जिले में काम करने वाले पटवारियों के साथ ज्यादा दिक्कत नहीं है। ये पटवारी गृह जिले में तबादले की मांग कर रहे हैं।
पटवारियों को अभी 2100 ग्रेड पे का लाभ मिल रहा है। इनका कहना है कि महंगाई बहुत है। खर्चे बढ़ गए हैं इसलिए 2800 ग्रेड पे का लाभ दिया जाए। – पटवारियों के लिए शासन ने सीपीसीटी परीक्षा पास करने की अनिवार्यता लागू की है जो कि पटवारियों का कहना है कि यह सिर्फ खानापूर्ति है। उनके पास कम्प्यूटर की पढ़ाई पहले से है। ऐसे में सीपीसीटी पास करने की बाध्यता खत्म की जानी चाहिए।