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गंगापुर सिटी में नया पैनल इंटरलॉकिंग का काम पूरा:दौसा होते हुए जयपुर की तरफ ट्रेनों को चलाने के लिए एक और वैकल्पिक मार्ग तैयार

गंगापुर सिटी-दौसा नई रेल लाइन की कनेक्टिविटी हो गई है। गंगापुर सिटी में यार्ड रिमॉडलिंग का काम पूरा हो गया है तथा नया पैनल इंटरलाॅकिंग सिस्टम स्थापित कर दिया गया है। अब गंगापुर सिटी में 90 किलोमीटर प्रति घंटे का गति प्रतिबंध भी समाप्त हो गया है। अब गंगापुर सिटी यार्ड और स्टेशन से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें गुजर सकेंगी। गंगापुर सिटी से दाैसा होते हुए जयपुर की तरफ ट्रेनों को चलाने के लिए एक और वैकल्पिक मार्ग की सुविधा हो गई है।

इस काम के लिए प्री नॉन इंटरलॉकिंग और उसके बाद नॉन इंटरलॉकिंग कार्य 12 जुलाई से शुरू किया गया था। इसके पूरा होने की मंडल रेल प्रबंधक पंकज शर्मा ने वर्चुअल से घोषणा की। इस दौरान वरिष्ठ मंडल संकेत और दूरसंचार इंजीनियर रामराज मीणा, दोनों एडीआरएम सुधीर सरवरिया, मनोज कुमार जैन सहित विभागीय अधिकारी बोर्ड रूम में मौजूद रहे।

नए सिस्टम से फायदे

स्टाफ की बचत होगी। सभी पुराने अवधि पार गियर समाप्त हो जाएंगे। अनावश्यक कर्व हट जाएंगे। फेल्योर में कमी आएगी। संरक्षा मजबूती होगी। गति प्रतिबंध समाप्त हो जाएंगे, जिससे ट्रेनों की गति में सुधार हो जाएगा।

मिशन रफ्तार की दिशा में मदद मिलेगी

इस काम के पूरा होने के बाद दौसा की तरफ से गंगापुर सिटी स्टेशन पर आने वाली और दौसा की तरफ को जाने वाली रेलगाड़ियों को गंगापुर सिटी स्टेशन के किसी भी प्लेटफार्म पर लाना और रवाना करना आसान हो जाएगा। इससे 160 किलोमीटर प्रति घंटे की मिशन रफ्तार की दिशा में काफी मदद मिलेगी। – अजय कुमार पाल, सीनियर डीसीएम

डीजल इंजन से चलने वाली ट्रेनों को 130 की स्पीड से चलाने के लिए ट्रायल

डीजल इंजन से चलने वाली ट्रेनों को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने के लिए कोटा रेल मंडल के नागदा से सवाई माधोपुर के बीच 150 की स्पीड से चलाकर देखा जा रहा है। इस ट्रायल में विशेष तौर से यह देखा जा रहा है कि 2 डिग्री घुमाव पर 150 की स्पीड से चलाए जाने पर इंजन किस स्थिति में रहता है। आरडीएसओ लखनऊ की टीम द्वारा किए जा रहे इस परीक्षण में एक राउंड का ट्रायल हो चुका है।

2 दिन की इस ट्रायल में नागदा से कोटा, कोटा से सवाई माधोपुर के बीच अलग-अलग क्षेत्र में इंजन को अलग-अलग स्पीड से चला देखा गया। सीनियर डीसीएम अजय कुमार पाल ने बताया कि डब्ल्यूडीपी 4डी इंजन की ट्रायल की जा रही है। इसमें दोनों तरफ कैब है।

2 दिन ट्रायल कर पहला चरण पूरा हो चुका है। 24 से 26 तक दोबारा ट्रायल किए जाने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि अभी डीजल इंजन से अधिकता में 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की ट्रेनों को ही चलाया जाता था, लेकिन अब डीजल इंजन से 130 की स्पीड से ट्रेन चलाई जाएगी।

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