IT मंत्री से कागज छीनकर फाड़ने वाले टीएमसी सांसद हुए सस्पेंड
नई दिल्ली : राज्यसभा में केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव से कागज छीनकर फाड़ने वाले टीएमसी सांसद शांतनु सेन को सस्पेंड कर दिया गया है, शांतनु सेन अब मॉनसून सत्र के बाकी के सेशन में सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. सस्पेंशन के बाद राज्यसभा के सभापति ने उन्हें बाहर जाने के लिए कहा.
राज्यसभा में सरकार ने शुक्रवार को शांतनु सेन को सदन की बाकी कार्यवाही से बाहर रखने के लिए प्रस्ताव पेश था. सभापति ने इसी प्रस्ताव पर कार्रवाई की है.
बता दें कि गुरुवार को टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों से कागज छीन कर उसे फाड़ दिया था और हवा में फेंक दिया था. केंद्रीय मंत्री वैष्णव उस समय राज्य सभा में पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए जासूसी करने संबंधी खबरों और इस मामले में विपक्ष के आरोपों पर बयान दे रहे थे.
कल से सुर्खियों में छाए टीएमसी सांसद शांतनु सेन पेशे से डॉक्टर हैं. डॉक्टर शांतनु सेन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं. नॉर्थ कोलकाता के रहने वाले शांतनु एक समय कोलकाता में टीएमसी काउंसलर हुआ करते थे.
तृणमूल कांग्रेस ने 2016 में शांतनु सेन को मुर्शिदाबाद के कांदी सीट से विधानसभा चुनाव में खड़ा भी किया था. लेकिन शांतनु सेन चुनाव नहीं जीत पाए और कांग्रेस के हाथों पराजित हुए थे. इसके बाद काउंसलर से टीएमसी ने शांतनु को राज्यसभा का टिकट दिया और राज्यसभा के सांसद बन गए.
शांतनु सेन को टीएमसी में एक पढ़े-लिखे और विवादों से दूर रहने वाले नेता के तौर पर जाना जाता है. अब तक उनके खिलाफ कोई भी क्रिमिनल केस नहीं है. लेकिन 2019 में उत्तर कोलकाता की एक प्रमोटर ने आरोप लगाया था कि शांतनु सेन उनसे कट मनी लेते रहे हैं.
आरोप के मुताबिक शांतनु सेन जब काउंसलर थे तब से इलाके में कट मनी वसूलते रहे हैं. बता दें कि 2019 में ही ममता बनर्जी ने सार्वजनिक तौर पर अपील की थी कि जो लोग कट मनी लेते रहे हैं वह टीएमसी नेता कट मनी वापस करें. इसी अपील के बाद प्रमोटर सुमंत्र चौधरी ने आरोप लगाया था जो उस वक्त काफी चर्चित हुआ था.
हालांकि शांतनु सेन ने प्रमोटर के सभी आरोपों से इनकार किया था और अदालत में प्रमोटर के खिलाफ मानहानि का केस करने की बात भी कही थी. इस एक मामले के अलावा शांतनु सेन बहुत ज्यादा विवादों या सुर्खियों में कभी नहीं रहे. हालांकि टीएमसी की ओर से मेडिकल मुद्दों पर सलाह देना या चिट्ठी लिखने का काम वह लगातार करते रहे हैं.