माया उपाध्याय के बाद अब सुशील पुंडीर के गाने से हरदा का चेहरा रेस में सबसे आगे
हल्द्वानी : चुनावी साल में सरकार और भाजपा के मजबूत संगठन से मुकाबला करने के लिए हाल में कांग्रेस ने पीसीसी अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और चार कार्यवाही अध्यक्षों की घोषणा कर लड़ाई को दिलचस्प कर दिया। चारों कार्यवाहक अध्यक्षों को अलग-अलग जिम्मेदारी भी दी गई है। वहीं, चुनावी टीम में सबसे अहम नाम पूर्व सीएम व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत का है। बतौर चुनाव संचालन समिति अध्यक्ष चुनावी रणनीति तैयार करने का पूरा दारोमदार उन्हीं पर होगा। हरदा अक्सर चेहरा घोषित करने की पैरवी करते रहे हैं। पिछले छह माह में दूसरी बार गाने के जरिये उनका चेहरा इस रेस में सबसे आगे किया जा चुका है। पहले माया उपाध्याय ने कुमाऊंनी में गीत तैयार किया तो अब राज्य के दूसरे गायक सुशील पुंडीर ने एक गाना लांच किया है।
2017 की चुनावी हार को हरदा अब तक नहीं भूला पाए। इसलिए राष्ट्रीय महासचिव, सीडब्लूसी सदस्य पंजाब जैसे बड़े राज्य का प्रभारी होने के बावजूद उत्तराखंड की राजनीति पर बतौर विपक्षी नेता पिछले साढ़े चार साल में सबसे ज्यादा फोकस उन्हीं का रहा। धरना-प्रदर्शन, पदयात्रा से लेकर इंटरनेट मीडिया वह अपने खास अंदाज में सरकार को घेरते रहे। दूसरी तरफ से भी हमेशा पलटवार हुआ। क्योकि, जुबानबाजी के अलावा वह अपने कार्यकाल और भाजपा राज की नीतियों की तुलना भी करते हैं। पूर्व सीएम का कहना था कि चुनावी रण में कांग्रेस मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करे। पार्टी जिसका भी नाम लेगी। वह उसके साथ कंधे से कंधा से मिलाकर खड़े रहेंगे। लेकिन तब प्रदेश नेतृत्व असहमत नजर आया।
अब पार्टी ने प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन कर सत्ता बदलाव को लेकर नए सिरे से रणनीति बनाई है। वहीं, जनवरी लास्ट में कुमाऊंनी लोकगायिका माया उपाध्याय का गाया ‘हरदा हमारा-आला दोबारा’ गीत ने खासा सुर्खियां बटोरी। हरदा गुट के लोगों ने हरदा हमारा को डॉयलाग ही बना दिया। वहीं, अब एक अन्य गायब सुशील पुंडीर ने ‘हरीश रावत का ऐलान-रोजी, रोटी और सबको मकान गाना तैयार किया है। जिसकी दून में लांचिंग भी हो गई। वीडियो सांग में हरीश रावत पर फोकस किया गया है। लांचिंग के बाद से वीडियो इंटरनेट मीडिया पर दौडऩे लगा है। अब देखना यह है कि चुनाव में इसका कितना असर पड़ेगा। वैसे भी उत्तराखंड की राजनीति व गीतों का पुराना नाता रहा है।